चारा घोटाले से जुड़े देवघर कोषागार से अवैध निकासी मामले में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद समेत छह की सजा बढ़ाने के लिए दायर याचिका पर हाईकोर्ट में चार सप्ताह बाद सुनवाई होगी।
लालू प्रसाद चारा घोटाले के षड्यंत्रकारी थे, लेकिन सीबीआई कोर्ट ने उन्हें कम सजा दी है। इसलिए लालू प्रसाद की सजा भी बढ़ा कर कम-से-कम सात साल कर देनी चाहिए। गौरतलब है कि अप्रैल 2022 में चारा घोटाला केस में डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ रुपये की अवैध निकासी मामले में लालू प्रसाद यादव को जमानत मिली थी। यह फैसला 27 साल बाद आया था। बता दें कि पहले इसी मामले में लालू प्रसाद यादव को 5 साल की सजा सुनाई गई थी। उक्त सजा फरवरी 2022 में सुनाई गई थी।
गुरुवार को अदालत को बताया गया कि इस मामले के सजायाफ्ता फूलचंद व आरके राणा की मृत्यु हो चुकी है। कोर्ट के आदेश से दोनों का नाम मामले से हटा दिया गया है। बता दें कि लालू की सजा बढ़ाने के लिए सीबीआई ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।
सीबीआई ने कहा है कि देवघर कोषागार से अवैध निकासी के मामले में छह जनवरी 2018 को लालू को साढ़े तीन साल की सजा व पांच लाख रुपये जुर्माना लगाया गया। जबकि इसी मामले में पूर्व सांसद जगदीश को 7 साल कैद के साथ 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया। जबकि दोनों पर एक ही आरोप है।