लखनऊ। डॉ राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय लखनऊ की शिक्षिका डॉ अलका सिंह (Dr. Alka Singh) का शोध पत्र शीर्षक “टेक्नोलॉजी एंड लैंग्वेज: रिफ्लेक्शंस ऑन द टीचिंग ऑफ़ इंग्लिश लैंग्वेज़ फ़ॉर लॉ इन द वर्ल्ड ऑफ़ वेब” को ताज़िक नेशनल युनिवर्सिटी रिपब्लिक ऑफ तजाकिस्तान में हो रही कांफ्रेंस “एक्चुअल प्रॉब्लम्स ऑफ़ थ्योरेटिकल एंड प्रैक्टिकल कंपारेटिव टाइपोलॉजिकल स्टडीज ऑफ़ लैंग्वेजेज एंड मॉडर्न मेथड्स ऑफ़ टीचिंग फॉरेन (सेकंड ) लैंग्वेजज” में प्रस्तुतिकरण हेतु शामिल किया गया है।
डॉ अलका सिंह अपने शोध पत्र के माध्यम से ताजिकिस्तान के नैशनल युनिवर्सिटी में दुनिया भर से प्रतिभाग कर रहे भाषा वैज्ञानिकों से ऑनलाइन माध्यम से संवाद में बताएंगी कि किस प्रकार वैश्विक कोरोना महामारी के उपरांत तकनिकी और अंग्रेज़ी भाषा का व्याकरण और साहित्य में शोध एवं अध्यन तथा अध्यापन का विस्तार हुआ है।
👉फर्जी इतिहास पढ़ाना देशद्रोह
लॉ छात्रों के समक्ष भाषा का संवाद न केवल तकनिकी शिक्षा व्यवस्था से संबंधित है अपितु कक्षाओं एवं शोध के नए आयाम को दिशा दे रहा है। इस कॉन्फ्रेंस में दुनिया भर के विद्वान भाषा और तकनिकी संबंधित चर्चा करेंगे। दोशाम्बे की नेशनल युनिवर्सिटी रिपब्लिक ऑफ तजाकिस्तान में यह कॉन्फ्रेंस हाइब्रिड माध्यम से शोधपत्रों को पूरी दुनियाभर में 14 अप्रैल 2023 को प्रस्तुतिकरण करेगा।