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लेट लतीफ़

अंजली आज सुबह से आकाश का सिर खा रही थी। सुनिए अब तो सारे रिश्तेदारों में आपकी लेट लतीफ़ वाली इमेज चर्चा का विषय बन गई है। कहीं भी जाना होता है तो हर बार हमारी फ़ैमिली ही आपकी वजह से कार्यक्रम ख़त्म होने के बाद ही पहुँचती है। कई बार कहीं जाना होता है तो बच्चें आपका इंतज़ार करते सो जाते है और हम जा नहीं पाते, उस पर रिश्तेदारों में हमारी गिनती अभिमानी में होने लगी है। आपकी इस आदत से मैं तंग आ चुकी हूँ ज़िंदगी में सारी सुख सविधा होते हुए भी एक आपकी देर से आने की वजह हमारे बीच झगड़े का कारण बनती है।

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आज तो हमारे बेटे की खुशी के लिए पार्टी रखी है कम से कम आज देर से मत आना वरना आरव का दिल टूट जाएगा। आकाश ने अंजली की बड़बड़ से तंग आते कहा, तुम्हें क्या लगता है मैं जानबूझकर देर से आता हूँ? अरे बाबा इतना बड़ा कारोबार अकेले हाथों संभालना कोई आसान काम नहीं।

प्रोडक्शन से लेकर बिक्री तक हर सैक्शन पर ध्यान देना पड़ता है। मेरे अकेले के लिए नहीं करता, परिवार की खुशी के लिए और आप सबके शौक़ को पूरा करने के लिए मेहनत करता हूँ मैडम, तभी यह बंगलो, गाड़ी और जवाहरात आते है। मुझे भी अच्छा लगता है सबके साथ समय पर पहुंच कर अमन-चमन करना। हाँ समय पर नहीं पहुँच पाता पर देर से ही सही आकर रिश्तेदारी तो निभा लेता हूँ न। तुम औरतों को बस घर पर बैठे पति पर हुकूम चलाना आता है।

लेट लतीफ़

आज भी न चाहते हुए भी अंजली और आकाश के बीच देर से आने के मामले पर जंग छीड़ गई। आज आरव को बारहवीं कक्षा में 95 % आने की खुशी में होटेल सन “एंड सेंड” में पार्टी रखी थी। बहस को विराम देते आकाश ने कहा ओके बाबा अब नाराज़ मत हो ठीक 7 बजे तुम्हारा यह लेट लतिफ़ पति हाज़िर हो जाएगा, अब हंस भी दो तो बंदा चैन से ऑफ़िस के लिए निकले।

अंजली ने मुस्कुराते हुए कहा इंतज़ार रहेगा। ठीक 6 बजे अंजली बच्चों के साथ होटेल पहुँच गई। आहिस्ता-आहिस्ता सारे मेहमान आ गए बस आकाश का इंतज़ार था। 8 बज गए आज ही एक बड़ा क्लायन्ट मिलने आ गया, जिसके साथ मिटिंग में आकाश को देर हो गई।

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मिटिंग ख़त्म होते ही आकाश भाग निकला 120 की स्पीड से गाड़ी चलाते। दिमाग अंजली और बच्चों के पास था तो सामने से फूल स्पीड में आ रहे ट्रक से टकरा गया। गाड़ी सीधी पूल के नीचे बह रही नदी में जा गिरी।  पानी में गिरने की वजह से आकाश को ज़्यादा चोट नहीं आई बच गया। लोग जमा हो गए और किसीने आकाश से नंबर पूछकर तुरंत अंजली को फोन किया। अंजली सब छोड़ कर भागती हुई अकस्मात वाली जगह पर पहुँची, आकाश को अस्पताल पहुँचाया और रोते हुए बोली अब कभी जल्दी आने के लिए नहीं बोलूँगी जल्दी से देर भली।

     भावना ठाकर ‘भावु’

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