• 10 अप्रैल को नहीं हुए इंटर्नल और सेमिनार पेपर परीक्षा
लखनऊ। डॉ राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में विभागाध्यक्ष डॉ एपी सिंह की अध्यक्षता में शिक्षकों की एक आम बैठक आयोजित की गई। सहमति बनी कि कुलसचिव अनिल मिश्रा के ई-मेल के माध्यम से प्रशासन द्वारा किए गए अनुरोध (सेवा मामलों के मुद्दे पर शिक्षकों द्वारा चल रहे विरोध को बंद करने के लिए) पर विचार विमर्श किया जाए जिससे उनके द्वारा विश्व विद्यालय में आगामी परीक्षा सहयोग के सम्बन्ध में निर्णय लिया जा सके।
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शिक्षकों ने कहा कि वे आगामी 17 और 18 अप्रैल 2023 को निर्धारित परीक्षा में सहयोग करेगें एवं प्रैक्टिकल, इंटर्नल और सेमिनार पेपर प्रेजेंटेशन 16 अप्रैल तक समाप्त कराएंगे। वे 11 अप्रैल से प्रैक्टिकल शुरू करेंगे। हालांकि उन्होंने एक शर्त रखी है कि यदि उपरोक्त 17 तारीख को 43वीं कार्यकारी परिषद की बैठक के बाद 17 की देर शाम को उनकी पदोन्नत स्थिति का ज्वाइनिंग लेटर नहीं मिला, तो वे आगामी परीक्षा में सहयोग नहीं करेंगे।
साथ ही एक अन्य नोट पर वे इस बात पर सहमत हुए कि यदि सेवाओं के नियमितीकरण (स्थाईकरण) के मुद्दे पर गंभीरता से विचार नहीं किया गया तो शिक्षक 18अप्रैल और आगामी परीक्षाओं में सहयोग नहीं कर पाएंगे।
शिक्षकों का कहना है कि रजिस्ट्रार स्वयं उत्तर प्रदेश सचिवालय, उच्च शिक्षा विभाग के साथ पत्राचार करें और उसके बाद संबंधित उक्त विकास शिक्षकों को विभागाध्यक्ष के माध्यम से सूचित करते रहेंगे, साथ ही स्थाई करण से संबंधित शासन से किए गए पत्राचार की पिछले दस दिनों की रिपोर्टिंग करेंगे।
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पिछले दस दिनों में इस मुद्दे पर क्या विकास हुआ है, रजिस्ट्रार महोदय शिक्षकों को इसकी जानकारी दें अन्यथा 18 अप्रैल से वे अपना विरोध प्रदर्शन तेज करेंगे। प्रशासन को शिक्षकों के विरोध के संबंध में अपनाए गए लचीले रुख को केवल छात्रों के कल्याण और भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए लिए गए फैसले को समझना होगा और उनके फैसले को सम्मान देना होगा।
उनका रुख आंशिक रूप से लचीला है लेकिन पहले के तर्कों के अनुसार उनकी स्थिति वही है। स्थाईकरण के मुद्दे पर यदि रजिस्ट्रार द्वारा शासन से उचित कार्यवाही का विवरण नहीं प्राप्त होता है तो वे 18अप्रैल से उग्र प्रदर्शन करेगें।