डलमऊ/रायबरेली। थल सेना में हवलदार के पद पर भटिंडा पंजाब में तैनात डलमऊ कोतवाली क्षेत्र के पूरे बनियानी मजरे सराय दिलावर ग्राम निवासी अवधेश कुमार कि सोमवार को हृदय गति रुक जाने से मृत्यु हो गई थी जिसका पार्थिव शरीर मृतक के पैतृक गांव गुरुवार लगभग एक बजे पहुंचा जहां पर उसके अंतिम दर्शन के लिए हजारों की संख्या में भीड़ मौजूद थी। पार्थिव शरीर पहुंचते ही परिजन दहाड़े मारकर बिलखते हुए रोने पीटने लगे जिससे क्षेत्रीय लोगों की आंखें भी नम हो गई।
वीर सपूत अवधेश कुमार के पार्थिव शरीर बॉक्स मे होने के बाद पत्नी अंकिता भाई अरविंद कुमार मां पुष्पा देवी पार्थिव शरीर से चिपक कर दहाड़े मारकर रोने लगे। मां कहती रही बेटा हमको छोड़कर कहां चले गए हमको भी साथ ले चलो वहीं मृतक का दो वर्षीय पुत्र अभ्यांश भी सबको रोता बीलखता देख रोने लगा।
शहीद हवलदार अवधेश कुमार का अंतिम संस्कार क्षेत्रीय अधिकारियों और हजारों की संख्या में क्षेत्रीय लोगों की मौजूदगी में गंगा तट डलमऊ पर राजकीय सम्मान के साथ किया गया। तिरंगे से ढका मृतक अवधेश कुमार के पार्थिव शरीर से राष्ट्रीय ध्वज को सेना के सूबेदार वीके सिंह और हवलदार अंकित कुमार द्वारा सलामी देते हुए मृतक के पिता रामकुमार को समर्पित किया गया। इस मौके पर मौजूद उपजिलाधिकारी विजय कुमार, क्षेत्राधिकारी अशोक सिंह द्वारा मृतक सेना के जवान हवलदार अवधेश कुमार के पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र चढ़ाकर नम आंखों से श्रद्धांजलि दी गई। 66 बटालियन रायबरेली एनसीसी के सूबेदार सुधीर सिंह, हवलदार मनोज कुमार और भूपेंद्र द्वारा सलामी देते हुए श्रद्धांजलि दी गई।
शहीद हवलदार अवधेश कुमार के पार्थिव शरीर के अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट डलमऊ ले जाते समय जगह-जगह लोगों द्वारा पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई और अवधेश कुमार अमर रहे के नारों से आसपास का क्षेत्र गुंजायमान रहा अंतिम संस्कार के दौरान पिता रामकुमार द्वारा अपने मृतक पुत्र अवधेश कुमार की चिता को मुखाग्नि दी गई मुखाग्नि देते समय भाई अरविंद कुमार के साथ अन्य परिजन व हजारों की संख्या में मौजूद क्षेत्रीय जनसमूह की आंखें नम हो गई और वीर सपूत अमर रहे के नारे लगाए गए। इस मौके पर कोतवाली प्रभारी धीरेंद्र यादव, रमेश जायसवाल, देवेंद्र कुमार अवस्थी, वीरेंद्र कुमार, रामकिशोर, आलोक यादव, जेपी सिंह, आरपी सिंह, राजेश चन्द्रा आदि के साथ सैकड़ों की संख्या में क्षेत्रीय लोग मौजूद रहे।
रिपोर्ट-दुर्गेश मिश्रा