करवा चौथ व्रत आज यानी 17 अक्टूबर को है. इस व्रत में करवा माता, श्रीगणेश-कार्तिकेय व शिव-पार्वती की पूजा का विधान है. भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में वहां की मान्यता व परंपरा के अनुसार ही पूजा होती है. कहीं करवा माता की ही पूजा होती है, तो कहीं शिव-पार्वती की तो कई जगहों पर इस दिन गणेशजी की पूजा का विधान है. इनके साथ ही चंद्रमा को अर्घ्य देकर पूजा की जाती है. करवा चौथ व्रत पूरा करने के लिए पूजा की थाली में कुछ खास चीजों का होना महत्वपूर्ण है.
- करवा चौथ पर चंद्रमा को अर्घ्य देने से पहले भगवान गणेश, शिव-पार्वती व करवा माता की पूजा की जाती है. उसके बाद करवा चौथ व्रत की कथा या कहानी सुनी जाती है. मान्यताओं व परंपरा के अनुसार ये पूजा कहीं दिन में व कहीं शाम को चंद्रमा की पूजा से पहले होती है. इस दौरान पूजा की सामग्री में ये चीजें जरूर मानी गई हैं.
- करवा चौथ पर चंद्रमा के दर्शन व अर्घ्य के साथदेवी-देवतओं की पूजा के समय आपकी थाली में ये चीजें होनी चाहिए.
- करवा चौथ माता की पूजा के लिए उनकी तस्वीर, पूजा के लिए रुई व घी का दीपक लगाना चाहिए. इसके साथ ही अबीर, गुलाल, कुमकुम, हल्दी, मेहंदी, कलावा, जनेउ जोड़ा (गणेशजी व शिव जी के लिए), फूल, अक्षत (चावल), चंदन, इत्र, अगरबत्ती व नारियल होना चाहिए.
- चंद्र दर्शन के लिए छलनी, चंद्रमा को अर्घ्य देने के लिए करवे में जल व व्रत खोलने के लिए पानी एवं मिठाई का होना भी महत्वपूर्ण है.
- चौथ माता के साथ अन्य देवी-देवताओं व चंद्र देव को नैवेद्य लगाने के लिए मिठाई भी रखें.
- कुछ स्थान पर लोकल मान्यताओं के अनुसार खील से भरे करवे रखे जाते हैं. मीठी मट्ठी का भी महत्व बताया गया है. साथ ही सुहाग से जुड़ी सामग्री जैसे-बिंदी, सिंदूर, चूड़ियां होती हैं.
- सास या घर में उपस्थित कोई बुजुर्ग महिला हो तो उनके लिए कपड़े भी रखे जाते हैं. करवा माता की पूजा व कथा पढ़ने के बाद ये सारी सामग्री अपनी सास या घर की बुजुर्ग विवाहित महिला को दी जाती है.