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मसूढ़ों की बीमारी को दूर करने के लिए करे ये उपाय

मसूढ़ों की बीमारी एक तरह का इंफेक्शन है जो दांतों के नीचे हड्डियों तक फैल जाता है. यह आम समस्या है जिसके कारण दांत की हड्डी घिसने लगती है. मसूड़ों की बीमारी की दो स्टेज होती हैं.

पहली स्टेज को जिंजिवाइटीज या आम भाषा में पायरिया भी कहते हैं व यदि यह स्थिति गंभीर हो जाए तो मसूढ़ों में सूजन के अतिरिक्त पस भरने व हड्डी गलने की भी समस्या हो सकती है जिसे दूसरी स्टेज यानी पीरियोडॉन्टिाइटिस कहते हैं. अगर पहली ही स्टेज पर इसका पता चल जाए तो इससे होने वाले नुकसान से बच सकते हैं.

लक्षण – सांसों में बदबू, पहला लक्षण है. इसके अतिरिक्त मसूढ़ों में सूजन और लाल होना, ब्रश करते समय खून आना, दर्द, दांत गंदे दिखना और बहुत लार आने की परेशानी हो सकती है. गंभीर अवस्था में मसूढ़ों और दांतों के बीच पस भरना और गैप, दांतों का घिसना या कुछ भी खाते समय दांतों की स्थिति में परिवर्तन जैसे लक्षण सामने आते हैं.

प्रमुख कारण –
मुंह में सफाई का अभाव, रेगुलर ब्रश न करने से लगातार प्लाक का निर्माण होना व दांत में कुछ फंसे रहना प्रमुख कारण होते हैं. इसके अतिरिक्त सिगरेट और शराब पीना, तंबाकू, डायबिटीज व आनुवांशिकता से भी यह कठिनाई हो सकती है. खानपान में विटामिन-सी व कैल्शियम युक्त चीजों की कमी भी इस रोग की वजह बनते हैं.

इलाज : दांतों की स्केलिंग (सफाई), रूट सर्जरी के अतिरिक्त यदि बोन लॉस है तो फ्लैप सर्जरी व ग्राफ्टिंग की जाती है. इसके तहत दांत की जड़ की सफाई करने के बाद क्षतिग्रस्त मसूढ़े व हड्डी को ठीक किया जाता है.

 

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