Breaking News

मेरी फितरत है मस्ताना किताब का हुआ विमोचन

लखनऊ। अपनी लेखनी से हिंदी फ़िल्म जगत में अपना लोहा मनवा चुके उत्तर प्रदेश के अमेठी वासी, कलम के बाहुबली मनोज मुंतशिर की पहली किताब ‘मेरी फितरत है मस्ताना’ का विमोचन सेंसर बोर्ड के निदेशक पदमश्री प्रसून जोशी ने किया। ’मेरी फितरत है मस्ताना’ गीतकार, डायलॉग राइटर मनोज मुंतशिर का पहला काव्य संकलन है, जिसमें मनोज की बेहतरीन नज़्में और शायरी पिरोई गयी है। मनोज कहते हैं इस किताब में वो सब है जो मैं फ़िल्मों में नहीं लिख सका।

मनोज मुंतशिर ने किताब का विमोचन

मनोज मुंतशिर ने किताब का विमोचन करते हुए कहा कि मेरा काव्य संकलन ख़ासतौर से उन नौजवानों के लिए है, जो हिंदी कविता और शायरी से मुँह मोड़ चुके हैं। मनोज मानते हैं कि इसमें पढ़ने वालों से ज़्यादा दोष लिखने वालों का है। हम नौजवानों से उनकी भाषा में संवाद नहीं करेंगे, तो वो हमारी किताब पर २०० रूपए क्यूँ ख़र्च करेंगे।

‘मेरी फ़ितरत है मस्ताना ‘ में मनोज की वो तमाम नज़्में शामिल हैं जो देश- विदेश में , प्यार करने वालों का तराना बन चुकी हैं। मसलन .. ‘मैं तुमसे प्यार करता हूँ’ ‘मैं तेरे ख़त लौटा दूँगा, तू मेरी जवानी वापस दे’ ‘जूते फटे पहन के आकाश पर चढ़े थे’ इत्यादि।

पुस्तक का लोकार्पण करते हुए वाणी प्रकाशन के प्रबन्ध निदेशक अरुण माहेश्वरी ने कहा कि मनोज उन कुछ राइटर्स में से एक है जिनकी देश के युवाओं में अच्छी फैन फॉलोइंग है. साहित्य फेस्टिवल व कॉलेज में उनके शो हमेशा हाउसफुल रहते हैं. गलियाँ, तेरे संग यारा, कौन तुझे यूँ प्यार करेगा, मेरे रश्के-कमर, मैं फिर भी तुमको चाहूँगा जैसे दर्जनों लोकप्रिय गीत लिखने वाले मनोज ‘मुंतशिर’, फिल्मों में शायरी और साहित्य की अलख जगाए रखने वाले चुनिंदा कलमकारों में से एक हैं।

फिल्मी पण्डित और समालोचक एक स्वर में मानते हैं कि बाहुबली को हिन्दी सिनेमा की सबसे सफल फिल्म बनाने में, मनोज ‘मुंतशिर’ के लिखे हुए संवादों और गीतों का भरपूर योगदान है। रुपहले परदे पर राज कर रहे मनोज की जड़े अदब में हैं। देश-विदेश के लाखों युवाओं को शायरी की तरफ वापस मोड़ने में मनोज की भूमिका सराहनीय है।

 

About Samar Saleel

Check Also

अयोध्या में राम नवमी के अवसर पर आज दोपहर बाद से 22 घंटे वाहनों का प्रवेश प्रतिबन्धित रहेगा

राम नगरी में यातायात डायवर्जन व्यवस्था रहेगी लागू। अयोध्या। राम नवमी व मेला के मद्देनजर ...