उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत (CM Tirath Singh Rawat) ने कोविड-19 महामारी के चलते अपने माता-पिता को खो चुके बच्चों के लिए शिक्षा और रोज़गार की एक योजना की घोषणा की. कोरोना वायरस की पहली और दूसरी लहर के प्रकोप के बीच मुसीबत का सबसे बड़ा पहाड़ उन बच्चों पर टूटा, जिन्होंने महामारी की वजह से अपने माता पिता दोनों को खो दिया और बेसहारा हो गए.
वात्सल्य योजना को जल्द से जल्द धरातल पर लागू करने के लिए राज्यमंत्री रेखा आर्य की ओर से आज एक पत्र भी मुख्य सचिव उत्तराखंड को लिखा गया है. जिसमें उन्होंने इस योजना का शासनादेश जल्द से जल्द जारी करने या इस योजना का प्रस्ताव कैबिनेट में प्रस्तुत करने की बात कही है.
इस तरह के बच्चों के भविष्य के साथ ही वर्तमान में जीवन का संकट खड़ा हुआ है. ऐसे में, कई राज्य इन बच्चों की तरफ सहानुभूति और सहयोग का हाथ बढ़ाने के लिए योजनाएं ला रहे हैं. अब उत्तराखंड सरकार भी इस दिशा में कदम बढ़ा रही है.
इस योजना के तहत अब उन बच्चों को भी लाभान्वित किया जाएगा, जिनकी परवरिश अब तक सिंगल पैरंट कर रहे थे. लेकिन अब कोरोना काल में वह भी गुजर चुके हैं. बच्चे भी इस योजना के दायरे में आएंगे जिनके माता या पिता दोनों में से एक तो है लेकिन उनके पास कमाई का कोई जरिया नहीं है.