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प्रभारी मंत्री राजेन्द्र प्रताप सिंह ‘‘मोती सिंह‘‘ ने वर्ष 2021-22 की 03 अरब 11 करोड 47 लाख की जिला योजनाओं के प्रस्ताव किए अनुमोदित

फिरोजाबाद। केंद्र एवं प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओे को धरातल पर गुणवत्तायुक्त उतारने के लिए अधिकारी जनप्रतिनिधियों से सामंजस्य स्थापित करें, ताकि योजनाओं का लाभ समान रूप से सभी व्यक्तियों तक पहुंच सके। आज कलेक्ट्रेट सभागार में जनपद के प्रभारी मंत्री राजेन्द्र प्रताप सिंह ‘‘मोती सिंह‘‘ की अध्यक्षता में जिला योजना समिति की बैठक सम्पन्न हुई। वित्तीय वर्ष 2021-22 हेतु 03 अरब 11 करोड़ 47 लाख का अनुमानित परिव्यय अनुमोदित कर जिला योजना संरचना वर्ष 2021-22 को मा0 जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में अंतिम रूप प्रदान किया गया। कृषि विभाग को 775.59 लाख, वृक्षारोपण एवं पर्यावरण को 1956.58 लाख, राष्ट्रीय ग्रामीण आजिविका मिशन एवं रोजगार कार्यक्रम को 11286.87 लाख, सिंचाई को 1174.70 ग्रामीण सम्पर्क मार्ग 3347.29, पर्यटन को 230 लाख, शिक्षा 3504.54 लाख, क्रीड़ा को 141.24 लाख, स्वास्थ्य को 491.23, ग्रामीण स्वच्छता को 567.48, ग्रामीण आवास को 3600 लाख, नगर विकास को 742.22 लाख, सोशल सेक्टर 3213.28 लाख तथा अन्य को 115.98 लाख का प्रस्तावित परिव्यय तय किया गया।

कलेक्ट्रेट सभागार में राज्यसभा सासंद डा. अनिल जैन, सासंद प्रतिनिधि फिरोजाबाद लोकसभा डा. ललित जादौन, विधायक सदर मनीष असीजा, विधायक शिकोहाबाद डा. मुकेश वर्मा, विधायक जसराना रामगोपाल पप्पू लोधी, सदस्य विधान परिषद डा. दिलीप यादव, जिलाध्यक्ष भाजपा मानवेन्द्र प्रताप सिंह, नगर अध्यक्ष राकेश शंखवार, जिलाधिकारी चंद्र विजय सिंह एवं प्रभारी मंत्री ने मौजूद सभी जन प्रतिनिधियों एवं जिला योजना के सदस्यगणों के साथ गहन विचार विमर्श करके 03 अरब 11 करोड़ 47 लाख की जिला योजना को अनुमोदन प्रदान किया।

इस अवसर पर उन्होने कहा कि शासन की मंशा के अनुरूप भ्रष्टाचार मुक्त एवं पूर्ण गुणवत्ता के साथ-साथ विकास कार्यांे का सम्पादन कराना है। उन्होने कहा कि शासन की मंशा अंतिम व्यक्ति तक लाभ पहुचाने की है। प्रभारी मंत्री ने जनप्रतिनिधियों का आवाहन करते हुये कहा कि अपने जनपद का विकास यहां की परिस्थितियों के अनुकूल किये जाने हेतु जिला योजना सबसे बडा मंच है इसलिये जनप्रतिनिधियों को इसे गम्भीरतापूर्वक लेते हुये इनमे उल्लिखित बिन्दुओं पर की गयी कार्यवाही का सम्बन्धित अधिकारी से सम्पर्क कर समय समय पर अनुश्रवण करते रहना चाहिए एवं शासन स्तर पर भी पहल करके जनपद के अधिक से अधिक विकास में सहयोग करना चाहिए। उन्होने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह जनप्रतिनिधियों से सम्वाद स्थापित करते हुये कार्यों की प्रगति एवं अन्य बिन्दुओं से भी उन्हे अवगत कराते रहे तथा उनके द्वारा दिये गये निर्देशों को गम्भीरतापूर्वक लेते हुये उन पर तत्काल कार्यवाही सुनिश्चित करे।

बैठक के दौरान मुख्य पशु चिकित्साधिकारी द्वारा गौ-आश्रय स्थलों में गायों के लिए मूलभूत सुविधाऐं उपलब्ध न कराए जाने पशुओं के टीकाकरण कार्यक्रम में लापरवाही बरतने पर कड़ी कार्यवाही करते हुए मुख्य विकास अधिकारी चर्चित गौड़ को निर्देशित किया की वह उनके पिछले 06 माह के कार्यकाल की जांचकर आख्या उन्हे उपलब्ध कराऐं। विधायक सदर द्वारा एण्टी रैबीज इन्जेक्शन जिला अस्पताल में अनुउपलब्ध होने की शिकायत की, जिस पर उन्होने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देश दिए कि एण्टीरेबीज इंजेक्शन की उपलब्धता के लिए डीजी हैल्थ को जिलाधिकारी के माध्यम से पत्र भेंजे, ताकि आम लोग स्वास्थ्य सेवा से मरहूम न रहें। उन्होने 100 बैड के चिकित्सालय को जिला चिकित्सालय की मंजूरी के लिए शासन से पत्राचार कर जिला चिकित्सालय की भांति ही सुविधाऐं उपलब्ध कराए जाने को कहा। उन्होने कहा कि कोरोना काल मेें मेडिकल स्टाफ ने सराहनीय कार्य किया है। जनप्रतिनिधिगणों का सहयोग लेकर जनपद के विकास को गति प्रदान की जाए।

शुद्ध पेयजल लोगों को आसानी से उपलब्ध कराये जाने के उददेश्य से प्रभारी मंत्री ने निर्देश दियें कि केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी हर घर जल योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जाना है। इस हेतु जल निगम पानी की गुणवत्ता की जांच कर शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराऐं। वर्ष 2022 तक प्रत्येक विधान सभा के 50 प्रतिशत गांव को संतृप्त किया जाए। नगर क्षेत्र के हैण्ड पम्पों को भी रिबोर कराया जाए। जनप्रतिनिधिगणों के संज्ञान मंे लाए बिना टैण्डर प्रक्रिया की कार्यवाही पूरी न की जाए। उन्होने कहा कि वन विभाग द्वारा नवीन जसराना नहर की पटटी पर सघन वृक्षारोपण का कार्य कराया जाए, सिचाई विभाग द्वारा बम्बा एवं रजवाहों की सफाई कर सिंचाई के लिए टैल तक पानी पहुचाया जाए। उन्होने पंचायत राज अधिकारी को निर्देश दिए कि ओडीएफ की स्थिति पर लगातार नजर रखें, पंचायत घरोें के निर्माण कार्य मंे गुणवत्ता एवं मानको का निर्धारण किया जाए तथा तालाबों के किनारे पेडों की फैंसिंग का कार्य अवश्य पूरा कराया जाए। दिव्यांग सशक्तिकरण विभाग का कार्य संतोष जनक न पाए जाने पर उन्होने कहा कि कुष्ट रोगी और दिव्यांगों को जन प्रतिनिधियों के माध्यम से सभी सुविधाओ का लाभ दिलाया जाए तथा सभी विकास खण्डों में मुख्य चिकित्साधिकारी से समन्वय स्थापित कर समयबद्ध रूप से कैम्पो का आयोजन कर दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाऐं जाए।

बैठक के दौरान जिलाधिकारी चंद्र विजय सिंह ने प्रभारी मंत्री को आश्वासन दिया कि उनके द्वारा दिये गये निर्देशों का अक्षरशः पालन सुनिश्चित किया जायेगा। मुख्य विकास अधिकारी चर्चित गौड़ ने विभागवार अनुमोदन हेतु प्रभारी मंत्री एवं सदन के समक्ष प्रस्तुत किया। बैठक के दौरान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय पाडे, अपर जिलाधिकारी (वि/रा) आदित्य प्रकाश श्रीवास्तव, नगर आयुक्त विजय कुमार, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी ए.के.दीक्षित, बेसिक शिक्षाधिकारी अरविन्द पाठक, दिव्यांगजन सशक्तिकरण अधिकारी अनुपम राय एवं जिला योजना समिति के सदस्य और सम्बन्धित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

रिपोर्ट-मयंक शर्मा

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