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मॉनसून सत्र : कांग्रेस ने सरकार को घेरने की बनाई योजना, 11 में से 4 अध्यादेशों का करेगी विरोध

संसद के मॉनसून सत्र में केंद्र की मोदी सरकार घेरने को लेकर कांग्रेस पार्टी ने तैयारी शुरू कर दी है। प्रमुख विपक्षी पार्टी ने अभी से रुख भी स्पष्ट कर दिया है कि वो सत्र में सरकार द्वारा लाए जाने वाले 11 में चार अध्यादेशों का विरोध करेगी। इसमें मुख्यत: कृषि संबंधी तीन अध्यादेश एवं बैंकिंग विनियमन (संशोधन) विधेयक शामिल हैं। इतना ही नहीं कांग्रेस चाहती है कि प्रधानमंत्री लोकसभा और राज्यसभा में उपस्थित हों और अर्थव्यवस्था से लेकर कोरोना व चीन से विवाद जैसे मुद्दों पर विपक्ष के सवालों का जवाब दें ताकि गंभीर मुद्दों पर सही तरह से विचार विमर्श हो सके।

राज्यसभा में कांग्रेस के सचेतक जयराम रमेश ने रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए पत्रवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि संसद के मॉनसून सत्र में कांग्रेस पार्टी ने विभिन्न मुद्दों पर केंद्र सरकार को घेरने की योजना बनाई है। ऐसे में एक तरह के विचार वाले विपक्षी दलों के साथ भी हमारी बातचीत हुई है और वे सरकार के लाए 11 में से 4 अध्यादेश का विरोध करने के कांग्रेस के विचार से सहमत हैं। हमारी आपस में वर्चुअल मीटिंग के जरिए बातचीत भी हो रही है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि कांग्रेस कृषि संबंधी तीन कानूनों का विरोध करेगी क्योंकि ये अध्यादेश खेती-किसानी को बर्बाद करने वाले हैं। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार इन अध्यादेशों के जरिए एमएसपी और सार्वजनिक खरीद को कमजोर करने में लगी है। और अगर ऐसा ही चला तो ये जल्द समाप्त भी हो जाएगी। वहीं उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने कृषि अध्यादेश लाने को लेकर राज्य सरकार के साथ चर्चा तक नहीं की। उन्होंने सवाल किया कि क्या केंद्र को लगता है कि राज्यों को विश्वास में लेने की जरूरत नहीं है।

जयराम रमेश ने बैंकिंग विनियमन (संशोधन) विधेयक को लेकर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि यह अध्यादेश राज्यों से उसका अधिकारी छीन लेगा। इस नये कानून से सभी सहकारी बैंकों पर विनियमन आरबीआई करेगा, जबकि पहले राज्य सरकारों का विनियमन चलता था। ऐसे में स्पष्ट है कि सरकार राज्यों से उनके हक को छीनने में लगी है।

कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि इस मानसून सत्र में कांग्रसे पार्टी सांसदों के वेतन काटे जाने संबंधी मामले को भी उठाएगी। उन्होंन कहा कि कांग्रेस सांसदों के वेतन में कटौती का समर्थन करती हैलेकिन अगर सांसदों के वेतन में 30 प्रतिशत की कटौती की जा रही है और 20 करोड़ रुपये वाले केंद्रीय विस्टा परियोजना पर रोक नहीं लग रही, तो इश पर सरकार को जवाब देना होगा। उसे बताना होगा कि आखिर इस दोहरी नीति का क्या मतलब है?

जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस पार्टी मानसून सत्र में कोरोना महामारी के दौरान कुप्रबंधन का मुद्दा भी उठाएगी। पार्टी इस गंभीर मुद्दे पर सरकार से कठिन सवाल भी पूछेगी। इसके अलावा मोदी सरकार से वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर स्थिति के बारे में स्पष्टीकरण भी मांगा जाएगा। सवाल उठेंगे कि क्या सीमा पर पूर्व की यथास्थिति बहाली हो गई है? ऐसे में कांग्रेस पार्टी चाहती है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लोकसभा और राज्यसभा में उपस्थित हों और अर्थव्यवस्था से लेकर कोरोना व चीन से विवाद के मुद्दे पर विपक्ष के सवालों के जवाब दें।

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