लखनऊ। नगर निगम (Municipal Corporation) ने सरकारी जमीन (Government Land) पर हो रहे अवैध कब्जे (Encroachment) के खिलाफ बड़ी कार्रवाई (Major Action) की है। नगर आयुक्त इन्द्रजीत सिंह (Municipal Commissioner Indrajit Singh) के निर्देश पर अपर नगर आयुक्त पंकज श्रीवास्तव की निगरानी में गठित टीम ने ग्राम-सदरौना (Village-Sadarona), तहसील-सरोजनी नगर में अवैध कब्जे हटाने का अभियान चलाया। नगर निगम की टीम मंगलवार को तहसील प्रशासन और पुलिस बल के सहयोग से मौके पर पहुंची, जहां प्रॉपर्टी डीलरों द्वारा अवैध रूप से प्लॉटिंग की जा रही थी, कुछ जगहों पर अस्थायी बाउंड्रीवाल और सड़कें भी बना दी गई थीं। टीम ने जेसीबी मशीन से सभी अवैध निर्माणों को ध्वस्त कर दिया।
अभियान का नेतृत्व नायब तहसीलदार रत्नेश कुमार ने किया। नगर निगम राजस्व निरीक्षक अविनाश चंद्र तिवारी, लेखपाल अजीत तिवारी, राहुल यादव और थाना पारा के पुलिस बल व नगर निगम प्रवर्तन दल ने इस कार्रवाई में पूरा सहयोग दिया।
इस कार्रवाई के तहत कुल 0.226 हेक्टेयर सरकारी जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराया गया। यह जमीन खसरा संख्या 2017, 2018 और 1483 में दर्ज थी। इसमें से कुछ हिस्सा बंजर भूमि और ऊसर भूमि के रूप में सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज था। इस जमीन की बाजार कीमत करीब 4.90 करोड़ रुपये बताई जा रही है।
कार्रवाई के दौरान कुछ प्रॉपर्टी डीलरों ने विरोध करने की कोशिश की, लेकिन नगर निगम और पुलिस प्रशासन ने सख्ती से कार्रवाई को पूरा किया। अधिकारियों ने मौके पर मौजूद लोगों को समझाया कि सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा करना कानूनन गलत है और इस पर कोई भी निर्माण करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।नगर निगम ने स्पष्ट कर दिया है कि सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
नगर निगम ने आम जनता से भी अपील की है कि वे किसी भी अवैध प्लॉटिंग या अवैध कॉलोनी में प्लॉट खरीदने से पहले पूरी जांच-पड़ताल कर लें। अगर कोई व्यक्ति सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा करता है तो उसे कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
सरोजिनी नगर में हुई यह बड़ी कार्रवाई नगर निगम के उस अभियान का हिस्सा है, जिसमें सरकारी जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया जा रहा है। इस तरह की सख्ती से प्रॉपर्टी माफियाओं पर लगाम लगेगी और लखनऊ में अवैध कब्जों पर रोक लगेगी। नगर निगम की यह पहल शहर के विकास और सुचारू प्रशासन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।