वाराणसी/रोहनिया। राजातालाब क्षेत्र के मेहदीगंज निवासी जनआंदोलनों के राष्ट्रीय समन्वयन (एनएपीएम) के राज्य संयोजक व मनरेगा मज़दूर यूनियन के सुरेश राठौर, और हरसोस निवासी जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि पूर्वांचल किसान यूनियन के अध्यक्ष योगीराज सिंह पटेल को विगत आठ दिसंबर को किसानों के भारत बंद के दौरान पुलिस द्वारा उन्हें घर पर ही नज़रबंद कर दिया गया था, अगले दिन जिन्हें रिहा कर दिया गया था।
लेकिन किसानों के आंदोलन का व्यापक समर्थन मिलने से सोमवार को उक्त किसान नेताओं को पुनः स्थानीय पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाकर उनको दोबारा नज़रबंद कर दिया गया, जिसको लेकर क्षेत्र में चर्चा हो रही है। सामाजिक संगठनों ने विकास खंड आराजी लाईन कार्यालय के समक्ष बैठक करके सरकार के इस कृत्य का कड़े शब्दो में निंदा की और जल्द सुरेश राठौर और योगीराज सिंह को रिहा करने की माँग के साथ किसान के आंदोलन का भी समर्थन किया है।
उधर सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता ने बताया कि सरकार किसानों के जायज माँग को नहीं मान रही है। और आन्दोलनरत किसानों के समर्थन करने वाले लोगों को नज़रबंदी, मुक़द्दमा आदि करके आंदोलन को दबाने का प्रयास कर रही है।आंदोलन के दौरान दर्जनों किसानों की मौत भी हो चुकी है। लेकिन संवेदनहीन सरकार की हठधर्मिता किसानों के लिए घातक सिद्ध हो रहा है। ऐसे में देश के सुप्रीम कोर्ट से हम माँग करते है कि वीटो पावर के तहत पूरे मामले का संज्ञान धारण करके किसानों के हित में फ़ैसला दिया जाए। बैठक में अली हसन, मनोज राठौर, अजीत पटेल, मुस्तफ़ा, रेनू, श्रद्धा, प्रियंका, प्रदीप, कुसुम, अमरावती, ओमप्रकाश, अजय आदि लोग उपस्थित रहे।
रिपोर्ट-जमील अख्तर