नई दिल्ली। स्कूली पाठ्यक्रम को छोटा करने की योजना पर NCERT एनसीईआरटी (राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद) ने काम शुरू कर दिया है। हालांकि उसने पाठ्यक्रम को आधा करने के सुझावों को खारिज कर दिया है। साथ ही उम्मीद जताई है कि यह अधिकतम 20 फीसद तक ही कम हो सकता है। शुरुआत नौवीं से 12वीं तक के पाठ्यक्रम की समीक्षा से होगी, जिसे दिसंबर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इनमें गणित, भौतिक शास्त्र, रसायन शास्त्र और जीव विज्ञान जैसे विषयों को प्रमुखता से शामिल किया गया है।
NCERT ने पाठ्यक्रम को
एनसीईआरटी NCERT ने पाठ्यक्रम को छोटा और सरल करने की दिशा में यह काम मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से इस संबंध में मांगे गए सुझावों के बाद शुरू किया है। इसमें एक लाख से ज्यादा सुझाव आए हैं। मंत्रालय ने भी स्कूली पाठ्यक्रम को आधा करने का सुझाव एनसीईआरटी को दिया है, लेकिन विशेषज्ञों ने इससे असहमति जताते हुए सुझाव को खारिज कर दिया है।
सूत्रों की मानें तो विशेषज्ञों का कहना है कि इतने बड़े पैमाने पर बदलाव ठीक नहीं है। हालांकि इस सब के बावजूद एनसीईआरटी अगले शैक्षणिक सत्र से कुछ अहम विषयों के पाठ्यक्रम को छोटा करने की तैयारियों में जुटा है। यह तैयारियां इसलिए भी शुरू कर दी गई हैं क्योंकि एनसीईआरटी की नई किताबों के प्रकाशन का काम दिसंबर के अंत तक शुरू हो जाता है।
ऐसे में यदि समय पर पाठ्यक्रम में बदलाव की प्रक्रिया को अंतिम रूप नहीं दिया गया तो समय पर किताबें उपलब्ध नहीं हो पाएंगी। जिसके चलते एक नई समस्या खड़ी हो सकती है।