वाराणसी। नया दशक… नया साल… नई सुबह… नई उम्मीदों की पहली सुबह का स्वागत नमामि गंगे ने दशाश्वमेध घाट पर मां गंगा की महा आरती करके किया। राष्ट्र ध्वज लेकर आरती के बाद सभी लोगों ने नये वर्ष पर एक-दूसरे को बधाई दी और देश में शांति, समृद्धि और कोरोना से मुक्ति की कामना की। तिरंगा लेकर सभी ने गंगा स्वच्छता का संकल्प लिया। काशी में नए वर्ष की पहली सुबह का अभिवादन मां गंगा की मनमोहक आरती से करने के पश्चात गंगा और घाटों पर स्वच्छता की अपील की गई।
स्वच्छता स्लोगन लिखी तख्तियों एवं नारों के साथ नमामि गंगे के सदस्यों ने घाटों पर पदयात्रा की। दशाश्वमेध से दरभंगा घाट और राजेंद्र प्रसाद घाट तक “नए वर्ष का है संकल्प अविरल गंगा निर्मल जल” “गंगा साफ हो सब का हाथ हो” जैसे गगनभेदी उद्घोष गूंज उठे। नमामि गंगे के संयोजक राजेश शुक्ला ने कहा कि गंगा हमारे भारत की आन-बान और शान हैं। भारत की सिंचाई, पेयजल, धार्मिक, तीर्थाटन एवं आजीविका का स्रोत मां गंगा हैं।
नए वर्ष में हम गंगा की अविरलता और निर्मलता का संकल्प लें। हमारा भारत मां गंगा के आशीर्वाद से समृद्धि की ओर अग्रसर हो यही कामना है। आयोजन के मुख्य अतिथि गंगोत्री सेवा समिति के संस्थापक अध्यक्ष पंडित किशोरी रमण दुबे (बाबू महाराज) ने कहा कि प्रत्येक भारतीय को मां गंगा की निर्मलता अविरलता के लिए जन भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी । अवसर पर प्रमुख रूप से नमामि गंगे (गंगा विचार मंच) काशी प्रांत के संयोजक राजेश शुक्ला, महानगर संयोजक शिवदत्त द्विवेदी, सह संयोजक शिवम अग्रहरी, रामप्रकाश जायसवाल, सीमा चौधरी, प्रीति जायसवाल, सारिका गुप्ता, सीता साहू, मनीष श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।
रिपोर्ट-जमील अख्तर