प्रदेश के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) में प्रसूताओं के अलावा भर्ती होने वाले अन्य मरीजों को भी अब नि:शुल्क भोजन मिल सकेगा। पहले चरण में 50 जिलों के सीएचसी के लिए धनराशि जारी कर दी गई है।
गुरुवार को महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य डा. रेनू श्रीवास्तव वर्मा ने संबंधित जिलों के मुख्य चिकित्साधिकारियों को मरीजों के नि:शुल्क भोजन की व्यवस्था किए जाने के आदेश जारी कर दिए।
जिलों को तीन महीने के खाने का पैसा भेजा गया है। इसमें प्रति बेड 100 रुपये की दर से धनराशि दी गई है। पहले चरण में ऐसी सीएचसी को पैसा जारी किया गया है, जहां मरीजों की आमद अधिक है। यदि किसी सीएचसी पर भोजन का पैसा बच जाता है तो सीएमओ और दूसरी सीएचसी के लिए भी इस्तेमाल कर सकेंगे। भोजन राजकीय चिकित्सालयों के लिए तय मानकों के हिसाब से बनवाने के साथ ही इसे सक्रिय स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से तैयार कराए जाने के लिए कहा गया है।
सीएचसी सहित सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीजों के लिए नि:शुल्क भोजन की व्यवस्था है। मगर प्रदेश के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को सालों से भोजन के मद में पैसा जारी ही नहीं किया गया। सीएचसी पर तैनात प्रभारी चिकित्साधिकारियों या अन्य स्टाफ ने भी इस पैसे की डिमांड करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। ऐसे में सीएचसी पर अधिकांशत: प्रसव के लिए गर्भवतियों को ही भर्ती किया जा रहा है। असल में गर्भवतियों के लिए जननी सुरक्षा योजना में भोजन से लेकर भर्ती कराने तक का पैसा दिए जाने का प्रावधान है।