कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने बड़ी कामयाबी हासिल की है। ICMR ने Biologic E. Ltd., हैदराबाद के साथ मिलकर एक विशेष प्रकार का एंटी-सेराम बनाया है। यह एंटी-सेरम कोरोना के उपचार में प्रभावी हो सकता है। इस एंटी-सेरम को अभी जानवरों में विकसित किया गया है।
जानकारी के अनुसार वैज्ञानिकों ने किसी भी बाहरी बैक्टीरिया या वायरस से लड़ने के लिए आवश्यक एंटीबॉडी तैयारकी है। यह आविष्कार बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसका उपयोग न केवल कोरोना संक्रमण के बाद उपचार के लिए किया जाएगा, बल्कि संक्रमण की रोकथाम के लिए भी किया जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक, ICMR ने बताया है कि इस तरह के उपचार का उपयोग अतीत में कई वायरल और बैक्टीरियल संक्रमणों के इलाज के लिए किया गया है। इनमें रेबीज, हेपेटाइटिस बी, वैक्सीनिया वायरस, टेटनस और डिप्थीरिया जैसी बीमारियां शामिल हैं।
कोरोना से ठीक हुए लोगों के प्लाज्मा का उपयोग कुछ समान उपचार के लिए भी किया जाता है। हालांकि, इसमें एंटीबॉडी का स्तर एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भिन्न होता है। इसके कारण इसका उपयोग करना भी मुश्किल हो जाता है। ICMR ने इस नई सफलता को भारत में सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए एक बड़ी सफलता बताया है।
बता दें कि भारत में कोरोना मरीजों की संख्या 63 लाख के पार पहुंच गई है। पिछले 24 घंटे में देश में हर दिन बार 80 हजार से अधिर कोरोना के नए मामले आ रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शुक्रवार सुबह जारी अपडेट के अनुसार देश में पिछले 24 घंटे में 1095 लोगों की मौत हुई जबकि 81,484 नए मामले आए हैं।