कुछ दशक पहले तक उत्तर प्रदेश के सभी जनपदों की पहचान विशिष्ट पहचान से जुड़ी थी। लेकिन बेहिसाब बिजली की कटौती तथा शासन प्रशासन की लापरवाही से स्थानीय उद्योग बंद होने लगे। योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री बनने के बाद इस ओर ध्यान दिया। उन्होंने ODOP के रूप में अनूठी योजना लागू की।
2018 में प्रदेश के 75 जनपदों में से 57 जनपदों के विशिष्ट उत्पाद थे। उन जनपदों के विशेष प्रोडक्ट के रूप में स्थापना पर ध्यान केंद्रित करते हुए, शेष 18 जनपदों के लिए भी वहां के किसी विशिष्ट उत्पाद को प्रोत्साहित करने का कार्यक्रम बनाया गया था। कृषि के बाद सर्वाधिक रोजगार उपलब्ध कराने वाला यही क्षेत्र है। इसकी सफ़लता को देखते हुए केंद्र सरकार ने इसे केंद्रीय योजना में शामिल किया था। अब य़ह योजना पूरे देश में संचालित हो रही है।
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योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है, जिसने एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए ‘एक जनपद एक उत्पाद’ योजना चलाई। अब यह योजना देश में ब्राण्ड बन चुकी है। उत्तर प्रदेश में 96 लाख से अधिक की एमएसएमई इकाइयां करोड़ों लोगों के जीवन, उनके रोजगार और स्वावलम्बन का आधार बनी हैं। अन्तर्राष्ट्रीय एमएसएमई दिवस-2023 के अवसर पर इस क्षेत्र के विकास हेतु बैंकों द्वारा बीस हजार करोड़ रुपये के ऋण वितरित किए।
प्रयागराज में गोबर आधारित बायो गैस प्लाण्ट एवं ऊनी धागा उत्पादन केन्द्र का लोकार्पण किया। इस प्रकार के केंद्र गौ संरक्षण के अभियान में भी सहायक होंगे। बेहतर मार्केटिंग एवं ब्राण्डिंग के लिए उत्कृष्ट पैकेजिंग की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु उद्यमिता विकास संस्थान, लखनऊ में भारतीय पैकेजिंग संस्थान की शाखा की स्थापना के लिए एमओयू का आदान-प्रदान किया गया।उत्तर प्रदेश 52 जीआई टैग प्राप्त कर देश के अग्रणी राज्यों में आ चुका है। 23 जीआई टैग केवल जनपद वाराणसी को प्राप्त हुए हैं।
प्रदेश में विगत छह वर्षों में अवसंरचना विकास के कई कार्य किए गए हैं। प्रदेश की इण्टर स्टेट कनेक्टिविटी को 4-लेन से जोड़ा गया है। एमएसएमई के कुछ क्लस्टर विकसित किये जाएंगे। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के माध्यम से अब तक 36 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं।
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इसका कारण प्रदेश में ईज ऑफ डुइंग बिजनेस की बेहतर स्थिति, सुदृढ़ कानून व्यवस्था, तकनीकी का उपयोग तथा एमएसएमई का बड़ा आधार है। वर्ष 2020 में एमएसएमई की नीति में उद्यमी को प्रदेश सरकार द्वारा एक हजार दिन दिवस की छूट प्रदान की गई है। इस समयावधि में वह अपनी इकाई लगा कर उत्पादन शुरू करे और प्रक्रियाएं पूर्ण करें। पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन है। इसके लिए सभी कार्यालयों की जिम्मेदारी निर्धारित की गयी है। उत्तर प्रदेश में प्लेज योजना के अन्तर्गत 10 से 50 एकड़ के क्षेत्र में निजी एमएसएमई पार्क बनाने के अभिनव कार्य को आगे बढ़ाया गया है। प्रदेश में ऐसे 03 पार्कां को स्वीकृति दी गयी है।
रिपोर्ट-डॉ दिलीप अग्निहोत्री