मोदी सरकार लीक से हटकर काम करने के नए रिकॉर्ड बनाती जा रही है। सरकार का पूरा फोकस दशकों से चली आ रही पुरानी तकनीक और परंपराओं को बदल कर सरकारी कामकाज में नई ऊर्जा का संचार करने का है। इसी दिशा में अब जनगणना के तरीके में भी बड़े बदलाव की तैयारियां की जा रही हैं। अगली जनगणना साल 2021 में होनी है। यह अब तक की 16 वीं जनगणना होगी। मगर इस बार जनगणना के तरीके में बड़ा बदलाव किया जाएगा।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ऐलान किया कि 2021 में होने वाली जनगणना डिजिटल जनगणना होगी। इसमें मोबाइल एप का भी इस्तेमाल किया जाएगा । अमित शाह ने साफ कहा कि साल 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से ही नए तरीके से सोचने की शुरुआत हो गई है।
अमित शाह ने बताया कि जनगणना का डाटा डिजिटल होने के चलते इसके कई तरह से विश्लेषण किए जा सकेंगे। इस डिजिटल जनगणना से देश के आखिरी व्यक्ति के विकास के बारे में भी जरूरी मानक पता चलेंगे। साथ ही देश के सामाजिक प्रवाह और भविष्य के कार्यक्रमों के मद्देनजर भी इसकी बड़ी भूमिका होगी। अमित शाह ने दिल्ली में जनगणना भवन की आधारशिला भी रखी। उन्होंने बताया कि जनगणना भवन की यह पूरी इमारत ग्रीन इमारत होगी।
अमित शाह ने कहा, ‘जनगणना कोई बोरिंग काम नहीं होता है। इससे सरकार को अपनी स्कीम लोगों के लिए लागू करने में मदद मिलती है। राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) कई मुद्दों को सुलझाने में सरकार की मदद करता है। ये देश के इतिहास में पहली बार होगा, जब जनगणना का काम एप के जरिए होगा।