म्यांमार (Myanmar) हाल ही में 14 मई को चक्रवात से प्रभावित हुआ था। इस क्षेत्र में पिछले 10 वर्षों में सबसे शक्तिशाली चक्रवात म्यांमार की चपेट में आने के बाद 100 से अधिक लोगों की मौत की पुष्टि की गई है। भारत ने 18 मई को चक्रवात से प्रभावित म्यांमार के लोगों को मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए ऑपरेशन करुणा (Operation Karuna) शुरू किया।
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ऑपरेशन करुणा के तहत तीन भारतीय नौसैनिक जहाज, आईएनएस शिवालिक, आईएनएस कामोर्टा और आईएनएस सावित्री 40 टन से अधिक राहत सामग्री के साथ यांगून पहुंच चुके हैं। ईएएम जयशंकर ने ट्वीट किया जहाज आपातकालीन खाद्य सामग्री, टेंट, आवश्यक दवाएं, पानी के पंप, पोर्टेबल जनरेटर, कपड़े, स्वच्छता और स्वच्छता की वस्तुएं आदि ले जा रहे हैं। भारत इस क्षेत्र में पहला उत्तरदाता बना हुआ है।
एक चौथा जहाज यांगून में और अधिक राहत सामग्री लाने के लिए निर्धारित है, विशेष रूप से चिकित्सा राहत सामग्री। म्यांमार में भारतीय दूतावास ने ट्वीट किया चौथा जहाज आईएनएस घड़ियाल 19 मई को आपातकालीन दवाओं और चिकित्सा किट सहित अधिक एचएडीआर सामग्री लाएगा। प्रभावित समुदायों के बीच वितरण के लिए सभी सामग्रियों को तुरंत रखाइन राज्य भेजा जा रहा है।
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गुरुवार को यांगून पहुंची मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) सामग्री म्यांमार में भारतीय राजदूत विनय कुमार द्वारा यांगून क्षेत्र के मुख्यमंत्री को सौंपी गई। म्यांमार में भारत के प्रयास अपने पड़ोसियों और क्षेत्र के प्रति नई दिल्ली की प्रतिबद्धता का एक वसीयतनामा है, क्योंकि भारत ने फिर से दिखाया कि कैसे वह हमेशा किसी भी आपदा के लिए सबसे पहले प्रतिक्रिया देने वाला है।
रिपोर्ट: शाश्वत तिवारी