- Published by- @MrAnshulGaurav
- Saturday, June 25, 2022
वाराणसी। नेटप्रोफ़ैन वाराणसी चैप्टर और IAPEN वाराणसी चैप्टर के संयुक्त तत्वावधान में “मधुमेह : पोषणीय चिकित्सा एवं मधुमेह शिक्षक की भूमिका” पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन दिनांक 25 और 26 जून 2022 को होटेल जे एस रेज़िडेन्सी में दोपहर 2 बजे से आयोजित किया गया।
कार्यशाला के प्रथम दिन के प्रथम वक्ता डॉक्टर अलंकार तिवारी ने कार्यशाला में मधुमेह के विषय में विस्तार से प्रतिभागियों को बताया। उन्होंने की मधुमेह के कारण, जोखिम कारक तथा इंसुलिन के महत्व के विषय में प्रकाश डाला। उन्होंने बताया की टाइप टू मधुमेह की सबसे बड़ी समस्या यह है की जब तक मधुमेह की जानकारी मरीज़ को मिलती है तब तक शरीर में इंसुलिन उत्पन्न करने वाली कोशिकाओं में लगभग 60% कोशिकाओं का नाश हो चुका होता है।
अतःयह अवश्य है की मधुमेह के लक्षण को बहुत बारीकी से देखे। यदि बहुत तीव्र गति से वजन कम हो रहा हो तो तुरंत अपने चिकित्सक से सम्पर्क करें। मधुमेह को नियंत्रित करने में पोषण चिकित्सा की बहुत अहम भूमिका है जिसे आज कल बहुत नज़रंदाज़ किया जाता है। मधुमेह को नियंत्रित रखने के लिए आवश्यक है की हमेशा एक कुशल आहार चिकित्सक की सलाह लें।is मौक़े पर डॉ० ॠचा मिश्रा समन्वयक नेटप्रोफ़ैन NetProFan Varanasi chapter और मंजरी वाजपेयी समन्वयक IAPEN Varanasi Chapter मौजूद थीं।