पाकिस्तानी सेना द्वारा नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर सीजफायर का उल्लंघन ceasefire violation लगातार जारी है। बीते कुछ महीनो से पाकिस्तान की इस नापाक हरकत का खामियाजा सेना के जवानों और सिविलियंस को अपनी जान देकर भुगतना पड़ा। सरहद पर जारी पाकिस्तानी फ़ौज की इस कायराना हरकत से शहीद होते जवानों के परिजनों से लेकर देश के लोगों में खासा विरोध देखने को मिल रहा है। एलओसी पर पड़ोसी देश की इस हरकत को लेकर सरकार के रवैये को लेकर भी लोगों के गुस्से में उबाल है। सभी भारतवासियों का मानना है कि भारतीय सेना को चाहिए कि रोज-रोज की इस तकरार से अच्छा है कि भारतीय फौजें एक बार में ही पड़ोसी मुल्क को सबक सीखा दे, ताकि हमारे जवानों को बेवजह अपनी जान ना गवानी पड़े।
बीते रविवार पुंछ जिले के शाहपुर सेक्टर में भारतीय सेना की चौकियों और रिहायशी इलाकों को निशाना बनाते हुए पाकिस्तान की तरफ से रातभर फायरिंग की गयी। इस गोलाबारी में एक सैन्य अधिकारी समेत 4 भारतीय जवान शहीद हो गए। सूत्रों की मानें तो जो गोले पाकिस्तान की तरफ से दागे गए वो चीन के सहयोग से पाकिस्तान में निर्मित किया गया था।
740 किलोमीटर लंबी सीमा रेखा
LOC पर भारत और पाकिस्तान के बीच 740 किलोमीटर लंबी सीमा रेखा खींची गयी है।
दोनों ही देशों के बीच इस रेखा को लेकर अक्सर विवाद रहता है।
1947 में दोनों देशों के बीच हुए युद्ध को विराम देकर खींची गयी थी।
इस युद्ध में पाक ने कश्मीर के कई भागों में आक्रमण किया था।
इस दौरान भारतीय सेनाओं ने कश्मीर की सुरक्षा की थी।
उत्तरी भाग में भारतीय सेना ने पाक सेना को को कारगिल सेक्टर से पीछे श्रीनगर-लेह राजमार्ग तक पछाड़ दिया था।
शिमला समझौता
1965 में पाकिस्तान ने फिर आक्रमण किया किन्तु लड़ाई में गतिरोध होने से यथास्थिति 1971 तक बनी रही।
1971 में बांग्लादेश युद्ध के उत्तर में पाकिस्तान ने फिर कश्मीर पर आक्रमण किया।
इस दौरान दोनों ही देशों ने LOC के दोनों ओर एक दूसरे की चौकियों पर नियंत्रण किया था।
भारत ने LOC के उत्तरी भाग में लद्दाख क्षेत्र से करीब 300 वर्ग मील भूमि पर कब्जा किया था।
इसके बाद 1972 में शिमला समझौते में शांतिवार्ता के बाद एलओसी को बहाल किया गया था।
सीजफायर उल्लंघन
पाकिस्तान ने रविवार को दोपहर 3 बजे के करीब गोलाबारी सुंदरबनी सेक्टर में शुरू की।
भारतीय चौकियों और रिहायशी क्षेत्रों पर निशाना साधते हुए रात तक गोलाबारी जारी रखी।
इस गोलाबारी में भारतीय सेना की बारूद पोस्ट पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई।
पाकिस्तानी सेना ने रिहायशी इलाकों को निशाना बनाते हुए 120 एमएम के मोर्टार भी दागे।
इस दौरान सीमा सुरक्षा बल 126वीं बटालियन के असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर आजाद सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए।
इसके अलावा 15 जैकलाइ यूनिट के कैप्टन कपिल कुंडू,सिपाही शिविम सिंह,हवालदार राम अवतार व सिपाही रोशन लाल शहीद हो गए।
इसके बाद से एक बार फिर सीमा पर हालात तनावपूर्ण हो गए हैं।