लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University) के अभियांत्रिकी संकाय में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन “रिसेंट एडवांसेज इन सिविल, मैकेनिकल एंड इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग” के आज दूसरे दिन (18 अप्रैल) की शुरुआत एक्सपर्ट टॉक से हुई। एक्सपर्ट टॉक के वक्ता सेवानिवृत्त अतिरिक्त महाप्रबंधक, एचएएल लखनऊ, इंजीनियर अमिताभ बनर्जी ने “इंडस्ट्री 4.0” विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने व्याख्यान में बताया कि वर्तमान समय में तकनीकी अपग्रेड के क्षेत्र में “इंडस्ट्री 4.0” एक नई धारणा है, जिसमें क्म्युनिकेशन टेक्नॉलोजी का उपयोग करके प्रो़डक्शन एवं मैनेजमेंट के तरीकों में सुधार किया जाता है।
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इसके अंतर्गत विभिन्न टेक्नॉलोजी का उपयोग करते हुए प्रोडक्टिविटी एवं क्वालिटी में सुधार होता है जो कि अंततः प्रोड्यूसर और कंज्यूमर दोनों के लाभों के लिए बहुत अहम है। उन्होंने इसके साथ ही बताया कि इंडस्ट्री 4.0 के अंतर्गत सेंसर्स, एक्यूरेटर्स, एनालिटिक्स, बिग डेटा, क्लाउड कंप्यूटिंग, एआई और रोबोटिक्स जैसी तकनीकों का उपयोग करके उत्पादन प्रक्रिया में सुधार किया जा रहा है। इसके बाद शिक्षको एवं छात्रों ने, एक्सपर्ट के सामने पोस्टर प्रेजेंटेशन दिए।
अगले सत्र में विशेषज्ञ व्याख्यान में वक्ता, एसआरएमयू के प्रो ए सक्सेना ने “वाटर मॉडलिंग” के विषय पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने वाटर मॉडलिंग का उद्देश्य, विधियां और फायदे के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि वाटर मॉडलिंग का उद्देश्य जल संसाधनों की संरचना और संचालन में मदद करना है। इसमें जल संबंधी समस्याओं को निराकरण, संयोजन और निर्माण करने के लिए विभिन्न तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने इसके लिए विभिन्न विधियों के बारे में बताया जैसे कि धारा में जल की जांच, स्पष्टता विश्लेषण, संयोजन तकनीक, विवरणीय वाटर मॉडलिंग, नक्शांक वाटर मॉडलिंग आदि।
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समापन समारोह की मुख्य अतिथि डीन एकेडमिक्स प्रोफेसर पूनम टंडन ने कहा कि सभी इंजीनियरिंग कोर्सेज उच्च शैक्षिक मानकों के साथ तकनीकी ज्ञान और व्यवसायिक विकास का एक सुनहरा अवसर प्रदान करते हैं। इंजीनियरिंग एक ऐसा क्षेत्र है जो मौजूदा समय में सबसे तेजी से विकास कर रहा है। नवीनतम तकनीकों का अध्ययन करने के साथ-साथ, इंजीनियरिंग ने विश्व में संचार, विद्युत उत्पादन, संचालन और विकास के क्षेत्रों में भौतिक विश्वास को बदल दिया है| उन्होंने इंजीनियरिंग छात्रों को सलाह दी कि वे अपने क्षेत्र में नवीनतम उन्नयनों के बारे में जानते रहें।
सम्मलेन के संयोजक डॉ कमलेश तिवारी ने बताया कि दो दिन चले राष्ट्रीय सम्मेलन में 8 मुख्य व्याख्यान, विभिन्न क्षेत्रों के विषय विशेषज्ञों द्वारा प्रस्तुत किये गए, साथ ही विभिन्न भारतीय राज्यों ( केरल, आंध्र प्रदेश, झारखंड, पंजाब) के साथ ही विदेशी देशों (यूनाइटेड किंगडम, इथियोपिया, ओमान और नाइजीरिया) से आये शिक्षकों एवं छात्रों के 80 शोधपत्रों की ऑफलाइन एवं ऑनलाइन माध्यम से प्रस्तुति की गई।