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लोकतंत्र में संवाद का सम्मान

रिपोर्ट-डॉ. दिलीप अग्निहोत्री
डॉ. दिलीप अग्निहोत्री

पिछले कुछ वर्षों में उत्तर प्रदेश विधानमंडल परिसर ऐतिहासिक अवसरों की गवाह बनी है। गत वर्ष कॉमनवेल्थ संसदीय सम्मेलन का आयोजन किया गया था। इसमें अनेक देशों के विधि निर्माता सहभागी हुए थे। महात्मा गांधी की एक सौ पचासवी जन्म जयंती का आयोजन भी अभूतपूर्व था। सरकार संविधान की भावना के अनुरूप संवाद को महत्व दे रही है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लोकतंत्र में संवाद की महत्वपूर्ण भूमिका है। वर्ष 2019 में बापू की 150वीं जयन्ती के अवसर पर सतत विकास लक्ष्य पर चर्चा के लिए 36 घण्टे तक राज्य विधान मण्डल चला था। 100 सदस्यीय इस विधान परिषद में भी सतत विकास लक्ष्यों पर चर्चा की गयी थी। इस चर्चा का उद्देश्य था कि समाज के अन्तिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को लाभान्वित किया जा सके।

संविधान दिवस

भारत का संविधान 26 नवम्बर,1949 को अंगीकृत किया गया था। प्रधानमंत्री की प्रेरणा से 26 नवम्बर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। 26 नवम्बर, 2019 को राज्य विधान मण्डल का संविधान दिवस पर विशेष सत्र आहूत किया था। एक कैलेण्डर वर्ष में तीन विशेष सत्र आहूत कर उत्तर प्रदेश विधान मण्डल ने एक कीर्तिमान स्थापित किया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहां विधान परिषद,उत्तर प्रदेश के सौन्दर्यीकरण कार्यों का लोकार्पण एवं चित्र वीथिका का उद्घाटन किया। इसके साथ ही विधान परिषद के वर्तमान सदस्यों की पट्टिका का अनावरण भी किया गया।

गौरवशाली इतिहास

योगी आदित्यनाथ ने परिषद के गौरवशाली इतिहास का उल्लेख किया। बताया कि दिनांक 05 जनवरी, 1887 को विधान परिषद का गठन किया गया था। उस समय उत्तर प्रदेश को ‘उत्तर पश्चिम प्रान्त एवं अवध प्रान्त’ के नाम से जाना जाता था। वर्ष 1937 में अपने गठन के पश्चात विधान परिषद की प्रथम बैठक तत्कालीन परिषद भवन के एक समिति कक्ष में हुई थी।

उसी समय ही विधान परिषद के लिए एक अलग मण्डप का निर्माण प्रारम्भ कर दिया गया था। यह वर्ष 1937 में तैयार हो गया। दिनांक 31 जुलाई, 1937 को विधान परिषद ने अपनी प्रथम बैठक इसी मण्डप में की गयी थी।

महान विभूतियों ने बढ़ाई शोभा

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस विधान परिषद से महामना पं मदन मोहन मालवीय, पूर्व मुख्यमंत्री पं. गोविन्द बल्लभ पन्त, डाॅ.सम्पूर्णानन्द, सर तेज बहादुर सप्रू, प्रख्यात कवियित्री महादेवी वर्मा आदि का इस सदन से जुड़ाव रहा है। विधान परिषद की प्रथम बैठक थाॅर्न हिल मेमोरियल हाॅल प्रयागराज में हुई थी।

वीर सावरकर से प्रेरणा

विधानपरिषद में चित्र वीथिका का भी लोकार्पण किया गया। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विधान परिषद में लोकार्पित चित्र वीथिका हम सबको प्रेरणा प्रदान करेगी।

चित्र वीथिका में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वीर सावरकर के चित्र को देखकर उन्होंने कहा कि सावरकर जी का व्यक्तित्व प्रत्येक भारतवासी के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है। सावरकर जी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी व एक बहुत बड़े दार्शनिक लेखक,कवि भी थे।

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