राजधानी दिल्ली के जंतर मंतर पर पहलवानों का प्रदर्शन जारी है। इसका प्रमुख चेहरों और देश के बड़े रेसलर्स में से एक साक्षी मलिक (Sakshi Malik) ने खुलकर अपनी बात रखी है। उनका कहना है कि ‘बृजभूषण जैसे ताकतवर के खिलाफ’ जाने के लिए बहुत हिम्मत की जरूरत होती है।
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साथ ही उन्होंने बताया कि अब ओवरसाइट कमेटी पर उन्हें बिल्कुल भी भरोसा नहीं रह गया है। इस दौरान जांच के समय उत्पीड़न की तस्वीरें और वीडियो सबूत मांगे जाने का भी जिक्र किया।
हाल ही में दिए एक साक्षात्कार में उन्होंने उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाने में इतना समय लेने पर कहा, ‘…जब महिला खिलाड़ियों में हिम्मत आई, तो उन्होंने बोला। और ऐसे ताकतवर और संपर्कों वाले बृजभूषण जैसे व्यक्ति के खिलाफ बोलने के लिए बहुत हिम्मत की जरूरत होती है। हमने फैसला किया है कि अब यौन उत्पीड़न के खिलाफ बोलेने का समय आ गया है।’
मलिक ने दावा किया है कि शिकायत करने वाली लड़कियों को धमकियां मिल रही हैं। उन्होंने कहा कि नाबालिग के परिवार को भी धमकाया जा रहा है। उनका कहना है कि जिस स्कूल में नाबालिग लड़की पढ़ती है, वहां उसकी जन्म की तारीख बदलवाने की कोशिश की गी, ताकि यह दिखाया जा सके कि वह नाबालिग नहीं है।
रेसलर ने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार नहीं किए जाने पर मेडल लौटाने के संकेत दिए हैं। मलिक ने कहा, ‘भारत सरकार ने हमें ये अवॉर्ड्स दिए हैं। लेकिन अगर कार्रवाई नहीं की गई, तो इनका क्या मतलब है? हम 25 दिनों से जंतर मंतर पर बैठे हैं… अगर हमारी शिकायतों के बावजूद कुछ नहीं होता है, तो मेडल या अवॉर्ड्स का क्या मतलब?’
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मलिक ने बताया कि समिति के सदस्यों ने तस्वीरों और वॉइस रिकॉर्डिंग जैसे सबूतों की मांग की है। उन्होंने कहा, ‘पीड़ितों ने बताया है कि अगर घटना किसी के भी साथ होगी, तो क्या उसे पता होगा कि ऐसा होने वाला है? अगर किसी महिला को पता होगा कि उसका यौन उत्पीड़न होने वाला है, तो वह उस जगह जाएगी ही नहीं न? अगर महिला यह बयान दे रही है कि उसकी यौन उत्पीड़न हुआ है, तो वह सबूत ही दे रही है। कोई भी आत्मसम्मान वाली महिला यौन उत्पीड़न पर झूठा बयान नहीं देगी। हमें भरोसा है कि पुलिस की तरफ से सही जांच की जाएगी।’