लखनऊ। डॉ राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय लखनऊ में इन दिनों प्रशानिक तंत्र मनचला और बेमानी हो चला है। हाल ही में डॉ अजीता सिंह, सहायक कुलसचिव ने 19 शिक्षकों को वेतन भुक्तान न करने की धमकी भरा एक पत्र जारी कर दिया, जिससे विश्व विद्यालय के प्रभावित शिक्षकों समेत यूनिवर्सिटी के छात्रों और पूर्व छात्र के बीच हड़कंप मच गया।
आनन फानन में जब विश्वविद्यालय के प्रभावित शिक्षक कुलसचिव एवं कुलपति से मिले तो पता चला की शिक्षकों के पदों की औपचारिक रूटीन प्रक्रिया के चलते स्थाईकरण एवं निरंतरता की समझ न होने के कारण, डॉ अजीता सिंह ने शिक्षकों को परेशान और मानसिक स्थिति विचलित करने के मन्तव्यों से ऐसी हरकत की है।
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बाद में कुलपति प्रो सुबीर भटनागर द्वारा आपातकालीन बैठक बुलाई गई, जिसके उपरांत अजीता के पत्र को निरस्त करते हुए उन्हे एवं सभी कनिष्ठ लिपिक एवं सहायक कुलसचिव को चेतावनी दी गई। विश्वविधालय के कुलसचिव अनिल मिश्र ने आक्रोषित शिक्षकों को शांत कराते हुए एक पत्र के जरिए ऐसी हिमाकत न होने का आश्वासन दिया।
इस प्रकरण के बाद सभी शिक्षकों ने सृजित पदों की स्थाईकरण प्रक्रिया को जल्द पूरी करने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन को उनके दायित्व के प्रति जागरूक एवं सक्रिय होने पर जोर दिया है।