दक्षिण अफ्रीका पूर्व तेज गेंदबाज और कप्तान शॉन पोलाक इस बात पर चिंता व्यक्त की है कि उनके देश में खिलाड़ी राष्ट्रीय टीम की बजाय काउंटी क्रिकेट को चुन रहे हैं। पोलाक ने कहा कि यह एक बड़ी समस्या है और इसे ठीक नहीं किया जा सकता, क्योंकि खेल अब व्यवसाय बन गया है। इस साल की शुरुआत में 27 वर्षीय तेज गेंदबाज डुआने ओलिवर ने दक्षिण अफ्रीका के लिए महज 10 टेस्ट मैच खेलने के बाद एक इंग्लिश काउंटी के साथ कोपक रूल के तहत करार कर लिया। एक अन्य तेज गेंदबाज काइली एबॉट ने भी 2017 में ऐसा ही किया था। मोर्नी मोर्कल ने भी 33 साल की उम्र में राष्ट्रीय टीम से संन्यास लेने के बाद काउंटी क्रिकेट खेलने के लिए कोपक अनुबंध किया। कोपक रूल के तहत दक्षिण अफ्रीकी और कैरिबियाई खिलाड़ी यूरोपीय संघ के देशों में खेल सकते हैं और उन्हें विदेशी खिलाड़ी नहीं माना जाता। वे विदेशी खिलाड़ी समझे जाने के बिना ही इंग्लिश काउंटी के साथ करार कर सकते हैं।
पोलाक ने पीटीआई से बातचीत में कहा, ‘आप चयन के लिए कई खिलाड़ियों में से चुनना पसंद करते हो लेकिन आप इसे (इस समस्या को) सही नहीं कर सकते। आधुनिक युग में ऐसा ही है। बीते दिनों में खेल से इतना वित्तीय लाभ नहीं होता था। लोग खेलों में अपने देश के लिए उपलब्ध रहते थे। लेकिन अब यह व्यवसाय बन गया है।’ वर्ष 2004 के बाद से दक्षिण अफ्रीका के काफी खिलाड़ियों ने इंग्लिश काउंटी में खेलने के लिए कोपक रूल के तहत अनुबंध किया है। शॉन पोलाक ने कहा, ‘उन्हें व्यावसायिक फैसले करने होते हैं कि कहां से उन्हें ज्यादा राशि मिलेगी, कहां से उन्हें मौके मिलेंगे और आप इसके खिलाफ नहीं हो सकते। अगर वे महसूस करते हैं कि वे कुछ समय के लिए दक्षिण अफ्रीका की ओर से नहीं खेलेंगे और वे कहीं और जाना चाहते हैं तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है। यह आदर्श नहीं है क्योंकि मजबूती टीम की गहराई से आती है और अगर आपकी टीम में गहराई नहीं है तो यह और भी चुनौतीपूर्ण हो जाता है।’
शॉन पोलाक ने अपने करियर में दक्षिण अफ्रीका के लिए 108 टेस्ट और 303 वनडे अंतरराष्ट्रीय मैच खेले। उन्होंने टेस्ट में 421 और वनडे में 393 विकेट चटकाए। वह दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट इतिहास के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज में से एक हैं। टीम का प्रमुख तेज गेंदबाज होते हुए उन्होंने बल्ले से भी काफी अच्छा प्रदर्शन किया। पोलाक ने टेस्ट में 2 शतकों और 16 अर्धशतकों की मदद से 3781 रन बनाए। वहीं, वनडे में उन्होंने 14 अर्धशतकों और 1 शतक की मदद से 3519 रन बनाए। टेस्ट में उनका औसत 32.3 और वनडे में 26.4 का रहा।