श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद की सुनवाई मथुरा सिविल जज की अदालत में ही की जाएगी। हाईकोर्ट ने इसे लेकर यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह की पुनरीक्षण याचिकाओं को निस्तारित करते हुए प्रकरण सिविल जज मथुरा की अदालत में वापस भेज दिया है।
साथ ही सिविल जज को निर्देश दिया है कि सिविल प्रक्रिया संहिता के प्रावधानों का पालन करते हुए श्रीकृष्ण जन्मभूमि के पक्षकारों की ओर से दाखिल दीवानी मुकदमे की सुनवाई करें। यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने सुन्नी सेंट्रल बोर्ड और शाही मस्जिद ईदगाह की पुनरीक्षण याचिकाओं पर सुनवाई के बाद सोमवार को दिया।
श्रीकृष्ण जन्मभूमि मथुरा की ओर से दीवानी मुकदमा दाखिल करते हुए कटरा केशव देव स्थित 13.37 एकड़ भूमि पर अपने अधिकार का दावा किया गया था। कहा गया कि यह भगवान श्रीकृष्ण का जन्म स्थान है। दीवानी मुकदमे में यह भी मांग की गई कि इस स्थान पर बने ढांचे को हटाया जाए। साथ ही 20 जुलाई 1973 और सात अप्रैल 1974 के समझौते को रद्द किया जाए।
पुनरीक्षण याचिकाओं में जिला जज मथुरा के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें जिला जज ने सिविल जज मथुरा द्वारा 30 सितंबर 2020 को श्रीकृष्ण जन्मभूमि पक्ष की ओर से दाखिल दीवानी मुकदमे की सुनवाई से इनकार करने के आदेश को रद्द कर दिया था।