दिबियापुर/औरैया। नगर के समीप स्थित सिद्धपीठ महामाई मंदिर में आयोजित श्रीमद् भागवत महापुराण सप्ताह कथा ज्ञान यज्ञ में श्रीधाम वृन्दावन से आये पण्डित पुनीत जी महाराज ने द्वितीय दिवस की कथा में पितामह भीष्म के प्रसंग की व्याख्या करते हुए बताया कि यदि जीवन में शांति और आराम चाहिए तो भजन करना चाहिए। क्योंकि भगवान के नाम स्मरण से ही मन को शांति मिलती है। महाराज ने कहा कि पितामह भीष्म बाणों की शैया में 6 महीने तक लेटे रहे और अंत में भगवान के भजन को करके मुक्ति को भी प्राप्त किए। आज के परिवेश से विचार किया जाए तो आज जो बालक अपने बूढ़े बाप को अनाथ आश्रम भेज देता है। उस पिता को भी जब तक वह जीता है उसे बाणों की शैया जैसा ही कष्ट मिलता है। माता-पिता की सेवा से समस्त देवता भी प्रसन्न होते हैं।
उन्होंने बताया कि पिता बरगद की छांव की तरह है और हम उस पिता को अपने से अलग कर देते हैं जिस पिता ने अपने जीवन का हर क्षण आपको प्रदान कर आपको यहां तक पहुंचाया है। महाराज ने बताया की जो फल बड़े-बड़े तप यज्ञ हवन से नहीं मिलता है वो फल आपको भगवान की कथा सुनने उनका नाम स्मरण करने से प्राप्त हो जाता है। जो जीव अपने लक्ष्य को याद रखता है। वही सर्वश्रेष्ठ है हमें ये मानव जीवन क्यों मिला है किस उद्देश्य के लिए मिला है इसे जरूर ध्यान रखें। जब तक आप इस मानव जीवन में अपने उद्देश्य को प्राप्त न कर लें तब तक उसके लिए मनोरथ करते रहें। क्योंकि जीवन की यात्रा का अंत मृत्यु है और मृत्यु इस जीवन का सत्य है। इसलिए इस जीवन को यूं ही न गवाएं और अपने सत्कर्मो को इतना बढ़ा ले की आपको मोक्ष की प्राप्ति हो जाए। महाराज ने कथा का वृतांत सुनाते हुए कहा कि भागवत वही अमर कथा है जो भगवान शिव ने माता पार्वती को सुनाई।
लेकिन मध्य में पार्वती को निद्रा आ गई और वो कथा शुक अर्थात तोते ने पूरी सुन ली। यह भी पूर्व जन्मों के पाप का प्रभाव होता है कि कथा बीच में छूट जाती है। भगवान की कथा मन से नहीं सुनने के कारण ही जीवन में पूरी तरह से धार्मिकता नहीं आ पाती है। जीवन में श्याम नहीं हो तो आराम नहीं। भगवान को अपना परिवार मानकर उनकी लीलाओं मे मन को लगाना चाहिए। गोविंद के गीत गाए बिना शांति नहीं मिलेगी। इसलिए शांति चाहिए तो भजन करें। कथा श्रवण करके समस्त श्रोता गण भावविभोर हो गए। आयोजक श्रीकृष्ण पोरवाल, बालकृष्ण पोरवाल, जयकृष्ण पोरवाल, ब्रजकृष्ण पोरवाल, कुलदीप पोरवाल, लक्ष्य पोरवाल ने बताया कि भागवत कथाप में हजारों की संख्या में श्रद्घालु भाग ले रहे हैं। इसके पूर्व रविवार की देर शाम विशाल कलश यात्रा निकाली गई।
रिपोर्ट-अनुपमा सेंगर