राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल ने कहा कि बेसहारा एवं भिक्षावृत्ति की समस्या को दृष्टिगत रखते हुए ही केन्द्र सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर ‘Support for Marginalised Individuals for Livelihood and Enterprise’ (स्माइल) योजना को देश के 75 नगर निगमों में लागू किया गया है। प्रथम चरण में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में देश के दस शहर चुनें गये हैं, जिसमें लखनऊ नगर निगम भी शामिल है। नगर निगम लखनऊ अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए लखनऊ को भिक्षामुक्त बनाने के प्रति संकल्पबद्ध हैं।
आनंदीबेन पटेल ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार तथा लखनऊ नगर निगम के सहयोग से सामाजिक संस्था ‘उम्मीद’ द्वारा संचालित ‘स्माइल’ परियोजना के अन्तर्गत भिक्षावृत्ति से जुड़े हुये लोगों के पुनर्वासन हेतु राजभवन के गांधी सभागर में आयोजित ‘भिक्षा से शिक्षा की ओर’ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।
इस अवसर पर अपने सम्बोधन में राज्यपाल ने कहा कि सामाजिक संस्था उम्मीद द्वारा संचालित स्माइल परियोजना के अन्तर्गत लखनऊ जनपद की बहुत सी ऐसी बस्तियों को चिन्हित किया गया है, जिनमें लगभग 5 हजार परिवार के लोग भिक्षावृत्ति से जुड़े पाये गये हैं। उन्होंने कहा कि उम्मीद संस्था ने ऐसे परिवारों को ढ़ूंढा है, जिनके पास घर नहीं है और जो अपने बच्चों को पढ़ाई के स्थान पर उनसे भिक्षावृत्ति कराकर जीविकोपार्जन कर रहे हैं। ऐसे परिवार शहर के चौराहों, सड़कों पर प्लास्टिक इत्यादि से अपने घर बनाकर किसी तरह अपना जीवन यापन कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इस संस्था ने अपने समाज सेवा के कार्यों से ‘गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड्स’ एवं ‘लिम्का बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड्स’ जैसे सर्वमान्य प्रतिष्ठानों में नाम दर्ज कराया है। उन्होंने कहा कि लखनऊ नगर में ऐसे 5 हजार बच्चों को संभालना, उनकी जरूरतों को पूरा करना कोई मुश्किल काम नहीं है। इस अवसर पर उन्होंने टीबी ग्रस्त मरीजों के बारे में बताते हुए कहा कि ऐसे मरीजों को गोद लेने का पुनीत कार्य लखनऊ से ही शुरू हुआ था और धीरे-धीरे समुचित देखभाल से ये सारे मरीज निरंतर ठीक हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भिक्षावृत्ति से जुड़े ऐसे बच्चों को उनकी प्रतिभा के अनुसार रुचि के क्षेत्र में कौशल प्रदर्शित करने हेतु प्रोत्साहित करना चाहिए। राज्यपाल ने यह भी कहा कि यदि ऐसे बच्चों की शिक्षा के लिए राजभवन से मदद की अपेक्षा की जाती है, तो सूची प्रस्तुत की जाय, ताकि इस सम्बन्ध में सम्यक विचार किया जा सके और उन्होंने भविष्य में उम्मीद संस्था के कार्यालय में जाकर बच्चों से संवाद करने का भी आश्वासन दिया।