एक मकान बनवाने में लोगों की मेहनत की गाढ़ी कमाई का एक बड़ा हिस्सा खर्च हो जाता है। अध्यात्म Spiritual से जुड़ा हर व्यक्ति चाहता है कि उसके मकान में किसी भी प्रकार की कोई कमी न रह जाए कि जिससे वास्तुदोष उत्पन्न हो। किसी भी मकान में सीढियां महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। ये जानना बहुत जरूरी है कि वास्तु के अनुसार कैसे बनाई जाएं सीढ़ियां कैसे बनाई जाएं.
सीढ़ियों का निर्माण
वास्तु विशेषज्ञ दक्षिण, पश्चिम या फिर दक्षिण-पश्चिम दिशा को ही सीढ़ियों के निर्माण के लिए सही मानते हैं।
- इसके अलावा इस बात का ध्यान रखें की सीढ़ियों को कभी भी उत्तर दिशा में ना बनाएं।
- सीढ़ियों के लिए उत्तर-पूर्व दिशा भी ठीक नहीं है।
- यदि आप सीढ़ियों के निर्माण के लिए उत्तर-पश्चिम दिशा का चयन करते हैं तो यह फिर भी सही माना जाता है।
- हमेशा ध्यान रखें कि सीढ़ियों की संख्या विषम होनी चाहिए।
- जैसे 7,9,11,15,17,19 या फिर 21। विषम संख्या में सीढ़ियां घर में खुशियां बनाए रखती हैं।
- ध्यान रहे कि सीढ़ियां हमेशा चैड़ी-चैड़ी और उचित रोशनी वाली होनी चाहिए।
- इससे माता लक्ष्मी के घर में प्रवेश में कोई बाधा नहीं उत्पन्न होती।
हृदय की बीमारियों को न्यौता
- घर बनवाते समय ध्यान रखें कि कभी भी मुख्य दरवाजे के सामने सीढ़ियां नहीं होनी चाहिए।
- माना जाता है कि ऐसा होने पर घर में रहने वाले सदस्यों के हाथ से अच्छे मौके छूट जाते हैं।
- मुख्य द्वार के सामने सीढ़ियां हृदय की बीमारियों को भी न्यौता देती हैं।
- मुख्य हॉल में सीढ़ियां हैं तो ध्यान रहे कि ये हॉल के किनारे से घुमावदार तरीके से बनी हों।
- घुमावदार सीढ़ियां शुभ मानी जाती हैं।
सीकढ़यां न दिखाई दें
- घर बनवाते समय इस बात का ध्यान रखें कि मुख्य द्वार पर खड़े व्यक्ति को घर के अंदर की सीकढ़यां न दिखाई दें।
- अंदर की सीढ़ियां यदि बाहर तक दिखाई दें तो ये दोषयुक्त मानी जाती हैं।
- सीढ़ियां कभी भी घर के बीचोंबीच न बनवाएं। ऐसी सीढ़ियां घर के लोगों को बीमार बनाती हैं।
- सीढ़ियां यदि मुख्य द्वार के सामने हैं और उन्हें ठीक करा पाना संभव नहीं है तो सीढ़ियों के बीच में एक घंटी या शीशा लगाने इसका दोष खत्म हो जाता है।
- मुख्य द्वार एवं सीढ़ियों के मध्य नकली फूलों का वाला पौधा लगाकर या क्रिस्टल बॉल छत से टांगकर दोष दूर किया जा सकता है।
- सबसे नीचे की सीढ़ी के किनारे पर फूलों की टोकरी रखें।