Breaking News

राम नगरी अयोध्या में हुआ ब्रह्म सागर का सफल आयोजन

अयोध्या। सनातन धर्मी, विशेष रुप से ब्राह्मणों की एकता एवं उत्थान के लिए आज प्रभु राम की नगरी अयोध्या में ब्रह्म सागर संस्था द्वारा एक विशेष चिंतन शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें जगतगुरु शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज ने यह बड़ी संख्या में मौजूद लोगों को संबोधित किया। शंकराचार्य ने ब्राह्मणों से संगठित होकर सनातन धर्म को समरद्ध करने का आवाहन किया।

उन्होंने कहा की सरकार, राजनीति और समाज को दिशा देने का कार्य ब्राह्मणों का हैI आज की राजनीति के मायने बदल चुके हैं और ब्राह्मणों को समाज और राजनीति में शुचिता लाने के हर संभव प्रयास करने होंगेI
ब्रह्म सागर मंथन शिविर में देशभर के विभिन्न ब्राह्मण संगठनों के सदस्यों ने प्रतिभाग किया। प्रमुख रूप से डॉ. अनीता मिश्रा, राष्ट्रीय अध्यक्ष, विश्व ब्राह्मण महासभा राजस्थान, डॉ. गार्गी तिवारी, राष्ट्रीय अध्यक्ष, स्वाभिमान मंच लखनऊ, बृजेश कुमार शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष, विश्व ब्राम्हण सभा, डॉ. मंजू शुक्ला, राष्ट्रीय अध्यक्ष, ब्राह्मण महासभा गोरखपुर, नानक चंद शर्मा अध्यक्ष ब्राह्मण महासभा, गाजियाबाद, आचार्य राधेश्याम मिश्रा, महामंत्री, अखिल भारतीय चाणक्य परिषद, पंडित राहुल तिवारी, राष्ट्रवादी ब्राह्मण समाज, राजेंद्र पांडे एडवोकेट प्रयागराज, श्री अखिल भारतीय सरयू पारी ब्राह्मण महासभा और डॉ. अशोक त्रिपाठी, ब्राह्मण शिरोमणि शिविर में उपस्थित रहे और अपने महत्वपूर्ण विचारों को साझा किया।

समापन समारोह में ब्रह्म सागर के अध्यक्ष कैप्टन एसके द्विवेदी ने शंकराचार्य महाराज के आशीर्वाद से ब्राह्मणों को एकत्रित करने का संकल्प दोहराया। श्री द्विवेदी ने कहां कि आज समय की मांग है कि सभी ब्राह्मण, ब्राह्मण संगठन एकत्रित होकर अपने शक्ति को पहचाने और अपने अधिकार के लिए आवाज मुखर करें। श्री द्विवेदी ने प्रबुद्ध लोगोँ को संगठित हो कर समाज के उत्थान में समर्पित होने का आवाहन किया। उन्होंने कहा कि शासन प्रशासन में बैठे जिम्मेदार लोगों को संदेश देने के लिए अगले वर्ष पाँच लाख लोगों की उपस्थिति में एक बड़ा सम्मेलन शंकराचार्य की अध्यक्षता में किया जायेगा।

शाश्वत तिवारी
      शाश्वत तिवारी

About Samar Saleel

Check Also

अहंकार जीवन को समाप्ति की ओर ले जाता है- पण्डित उत्तम तिवारी

अयोध्या। अमानीगंज क्षेत्र के पूरे कटैया भादी में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन ...