नई दिल्ली। फीस जमा नहीं कर पाने की वजह से आईआईटी-धनबाद में प्रवेश से वंचित रह गए छात्र अतुल कुमार के प्रकरण पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अपनी असाधारण शक्ति का प्रयोग करते हुए आईआईटी धनबाद को इस दलित छात्र को एडमिशन देने का निर्देश दिया। मामले पर टिप्पणी करते हुए चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने कहा, हम एक ऐसे युवा प्रतिभावान को नहीं गंवा सकते है।
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दरअसल आईआईटी धनबाद में प्रवेश के लिए समय पर छात्र का परिवार 17500 रुपये का शुल्क जमा नहीं करा सका था। जिसके चलते वह एडमिशन से बंचित रह गया था। मुजफ्फरनगर के खतौली क्षेत्र के टिटौड़ा गांव निवासी अनुसूचित जाति के मजदूर राजेंद्र कुमार के बेटे अतुल ने बताया कि इस बार जेईई की परीक्षा मद्रास आईआईटी ने कराई थी।
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उसकी रैंक 1455 के आधार पर आईआईटी धनबाद में प्रवेश लेना था। छात्र का सपना था कि वह इलेक्टि्कल इंजीनियरिंग से पढ़ाई करें, लेकिन यह सपना अभी अधूरा है। असल में 24 जून की शाम पांच बजे तक शुल्क जमा करना था, लेकिन परिवार रुपये नहीं जुटा सका था।