बड़को ने प्रपंच का आगाज करते हुए कहा- दयू क लीला अपरंपार हय भइय्या। भगवानव गरीबन का कसे हयँ। किसानन पय चारिव लँगसे आफत हय। इंदर देव का द्याखव। आषाढ़ अउ सावन म जब बरसय का रहय, तब नाइ बरसे। धान कय रोपाई नीके नाइ होय पाई। पानी न होय ...
Read More »बड़को ने प्रपंच का आगाज करते हुए कहा- दयू क लीला अपरंपार हय भइय्या। भगवानव गरीबन का कसे हयँ। किसानन पय चारिव लँगसे आफत हय। इंदर देव का द्याखव। आषाढ़ अउ सावन म जब बरसय का रहय, तब नाइ बरसे। धान कय रोपाई नीके नाइ होय पाई। पानी न होय ...
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