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Tag Archives: Priyanka Saurabh

कर्मचारी लगते टेंशन, नेताओं को कई पेंशन!

देश के अर्थशास्त्री और राजनेता पुरानी पेंशन योजना को लेकर जो बयान दे रहे हैं, वह तर्कसंगत नहीं है। क्योंकि राज्य के विधायक और सांसद खुद कई-कई पेंशन ले रहे हैं। जबकि एक कर्मचारी जो साठ साल देश की सेवा करता है उसकी पेंशन बंद कर दी गयी है, क्यों ...

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क्यों झेल रही निराशा, स्वास्थ्य कार्यकर्ता आशा?

आशा कार्यकर्ता अपने निर्दिष्ट क्षेत्रों में घर-घर जाकर बुनियादी पोषण, स्वच्छता प्रथाओं और उपलब्ध स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में जागरूकता पैदा करते हैं। वे मुख्य रूप से यह सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं कि महिलाएं प्रसव पूर्व जांच कराती हैं, गर्भावस्था के दौरान पोषण बनाए रखती हैं, स्वास्थ्य ...

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सोचिये चैटजीपीटी पर कितने खतरे, कितने अवसर!

जब भी कोई नया अविष्कार या तकनीक आती है तो उसको लेकर तमाम संभावनाएं या आशंकाएं जताई जाती है। चैटजीपीटी को लेकर भी इन दिनों बहस छिड़ी हुई है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) मानव जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हाल के दिनों में, यूएस-आधारित नवीनतम एआई उपकरणों में से ...

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नकल विरोधी कानून: मेहनत की सिसकियां, नकल माफिया और राजनीतिक बैसाखियां

नकल विरोधी कानून सरकार की एक अच्छी पहल है परंतु इसमें एक और संशोधन करके यह शामिल किया जाना चाहिए कि जिस नेता या उसके रिश्तेदार करीबी का नाम पेपर लीक में हो उससे 10 सालों तक चुनाव लड़ने पर पाबंदी लगा दी जाए सारा खेल खत्म हो जाएगा। बार-बार ...

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खेलों के पीछे शर्मनाक खेल!

देश के जो खिलाड़ी विदेशी सरजमीं पर तिरंगे का मान बढ़ाते आए हैं. उन्हें अपने अधिकारों के लिए जंतर मंतर पर धरना देना पड़ रहा है. क्या ऐसे देश खेलों में आगे बढ़ेगा जहां लगातार खेल दुनिया में यौन उत्पीड़न के विवाद बढ़ते जा रहे हैं. देश को मेडल दिलाने ...

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केंद्र और राज्य सरकार के बीच पिसता आम आदमी

एक दशक से देश की सियासत में एक तरह की राजनीति कुछ अलग ही तरीके से चल पड़ी है, जिसके चलते छोटे-छोटे मामलों पर बड़े-बड़े पदों पर बैठे लोगों को अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। केंद्र से अलग पार्टी की सरकार वाले राज्यों के पास अक्सर ...

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लोकतंत्र के मंदिर की फीकी पड़ी चमक!

संसद में कामकाज न चलने तथा शोर-शराबे के कारण लोकतांत्रिक व्यवस्था से लोगों का विश्वास भी डिगता है। इसलिए यह बेहद जरूरी हो गया है कि संसद के सुचारू संचालन में बाधा बनने वाले नियमों में जल्द से जल्द सुधार किया जाए। हमारे संसदीय लोकतंत्र के मूल्यों को बनाए रखने ...

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सेहत के लिए वरदान है बाजरा

बाजरा खनिज, विटामिन और आहार फाइबर सामग्री के मामले में चावल और गेहूं से बेहतर है। वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष के रूप में मनाया जाएगा। उत्पाद विकास और वाणिज्यिक अनुपात पर अपर्याप्त निवेश, छोटे बाजरे के भोजन की निम्न सामाजिक स्थिति, आहार संबंधी आदतों के प्रति प्रतिरोध और ...

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जिम्मेदार नागरिक होने के लिए चरित्र शिक्षा की जरूरत

नैतिकता के बिना शिक्षा बिना दिशासूचक जहाज की तरह है, जो कहीं भटक रहा है। एकाग्रता की शक्ति होना ही काफी नहीं है, बल्कि हमारे पास योग्य उद्देश्य होने चाहिए जिन पर ध्यान केंद्रित किया जा सके। सत्य को जानना ही काफी नहीं है, बल्कि हमें सत्य से प्रेम करना ...

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नए साल के पंख पर

नए साल के पंख पर बीत गया ये साल तो, देकर सुख-दुःख मीत। क्या पता? क्या है बुना ? नई भोर ने गीत।। माफ़ करे सब गलतियां, होकर मन के मीत। मिटे सभी की वेदना, जुड़े प्यार की रीत।। जो खोया वो सोचकर, होना नहीं उदास। जब तक साँसे हैं ...

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