आज मैं प्रपंच चबूतरे पर थोड़ा देर से पहुंचा। क्योंकि, कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते मेरे घर के आसपास साफ-सफाई और छिड़काव चल रहा था। मैं जब चबूतरे पर पहुंचा, तब चतुरी चाचा के साथ ककुवा, कासिम चचा, मुंशीजी व बड़के दद्दा विराजमान थे। सब जने कोरोना की विस्फोटक ...
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