बिहार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) अपने विभाग की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) के स्तर पर ली गई समीक्षा बैठक से गायब रहे। नीतीश सभी मंत्रालयों के काम-काज की नियमित रूप से समीक्षा करते हैं और शुक्रवार को पर्यावरण मंत्रालय के काम के रिव्यू की बारी थी लेकिन पटना में रहने के बाद भी तेज प्रताप यादव मीटिंग में नहीं पहुंचे।
आरजेडी से जुड़े सूत्रों ने तेज प्रताप के ना जाने पर कहा कि सीएम के स्तर पर आयोजित समीक्षा बैठकों में विभागीय मंत्री का रहना अनिवार्य नहीं है।गुरुवार को मुख्यमंत्री ने पर्यटन विभाग के काम की समीक्षा की थी जिसमें राज्य के पर्यटन मंत्री व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव शामिल रहे थे।
र्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अब तक के काम की समीक्षा के क्रम में शुक्रवार को जल जीवन हरियाली अभियान के तहत राज्य भर में वृक्षारोपण की प्रगति का रिव्यू होना था। विभागीय मंत्री की गैर-हाजिरी में सीएम आवास पर नीतीश कुमार ने समीक्षा मीटिंग ली। विभाग के प्रधान सचिव अरविंद चौधरी ने विभाग के कार्यों की अद्यतन स्थिति की जानकारी दी।
मुख्यमंत्री ने सरकारी भवनों के परिसर, नहर एवं नदी के किनारे, सड़क किनारे लक्ष्य के अनुरूप पौधा लगाने कहा है। उन्होंने सभी जिलों में पौधारोपण गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए अधिक-से-अधिक लोगों को जोड़ने का भी आह्मन किया।
नीतीश ने अधिकारियों से कहा कि पर्यावरण संरक्षण में विभाग की बड़ी भूमिका है। विभाग नीतियों और प्राथमिकताओं के आधार पर बेहतर ढंग से कार्य करे और लक्ष्य के अनुरूप तेजी से पौधारोपण कराएं। पौधारोपण की कार्ययोजना ठीक से कार्यान्वित की जाए। उन्होंने कहा कि पहाड़ी क्षेत्र के निचले भागों में जल संग्रहण के लिए जो जगह बनाए गए हैं उन जगहों पर भी वृक्षारोपण करवाया जाए। जो पौधे पहले से लगाए गए हैं उनको बचाने के लिए सभी जरूरी उपाय करें।