चाइना से पूरी संसार में फैले कोरोना वायरस का कहर लगातार बढ़ रहा है. खबरों की मानें तो अब तक इस वायरस से 66 हजार से भी अधिक लोगों के पीड़ित होने की पुष्टि की जा चुकी है. चाइना में हर रोज लगभग 100 लोगों की मृत्यु इस वायरस से हो रही है.
अब तक इस बीमारी से तकरीबन 1,631 लोगों की जानें जा चुकी हैं. चाइना के अलावा, जापान व फ्रांस में कोरोना वायरस पीड़ितों की मृत्यु हुई है. इस बीच समाचार आ रही है कि चाइना में करेंसी नोटों के जरिए वायरस फैलने के शक पर इसके किसी भी तरह के लेनदेन को रोक दिया गया है.
नोटों को किया जा रहा है स्टोर: कोरोना वायरस के प्रभाव को कम करने के लिए चाइना के कई प्रभावित इलाकों में लोग करेंसी को स्टोर कर रहे हैं. लोगों को इस बात की संभावना है कि नोट के जरिए भी इस जानलेवा वायरस का संक्रमण एक आदमी से दूसरे आदमी में हो रहा है. कई नोटों के ढेर को गोदाम में रखा जा रहा है ताकि लोग इन्हें प्रयोग न करें. वहीं, कई जगहों पर इस शक की वजह से नोटों के माध्यम से पैसों के लेनदेन को भी रोक दिया गया है.
अन्य संक्रमित राष्ट्रों से दिल्ली आए 17 यात्रियों में लक्षण: तो एयरपोर्ट्स पर कोरोना वायरस को लेकर प्रारम्भ हुए थर्मल स्क्रीनिंग से पहले हिंदुस्तान लौटे 17 यात्रियों में इस वायरस के लक्षण मिले हैं. इन सभी लोगों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने ऐसे लगभग 5,700 लोगों सम्पर्क किया है जो मध्य जनवरी या उसके आसपास चाइना अथवा अन्य संक्रमित राष्ट्रों की यात्रा से लौटे थे जिनमें से 4,707 यात्रियो में कोरोना वायरस के कोई लक्षण नहीं पाए गए थे. इन लोगों को घर में ही रहने की सलाह दी गई थी.
‘फरवरी के बाद डायबिटीज की दवा की हो सकती है कमी चाइना में कोरोना वायरस के खतरनाक कहर की वजह से हिंदुस्तान में आने वाले समय में कुछ महत्वपूर्ण दवाओं की किल्लत हो सकती है. फिक्की (FICCI) के एक अध्ययन के मुताबिक, पेनिसिलिन व इससे संबंधित कुछ अन्य दवाओं के लिए 90 फीसदी रॉ मेटीरियल चाइना से ही आता है व अगर वहां दशा जल्दी अच्छा नहीं हुए तो कुछ समय बाद बाजार में डायबिटीज की दवा, पैरासिटामोल, कुछ एंटीबायोटिक्स व आइबूप्रोफेन जैसी दवाओं की कमी देखने को मिल सकती है.