कोरोना महामारी के चलते आजकल चतुरी चाचा के प्रपंच चबूतरे की स्थिति भी बदली है। प्रपंच अब चबूतरे के बजाय चाचा के बरामदे में होने लगा है। बीच में दो तख्त पड़ते हैं। उसके चारों तरफ दूर-दूर कुर्सियाँ लगी होती हैं। यहाँ सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखा जा रहा है। सभी प्रपंची मास्क लगाकर ही बैठते है। चतुरी चाचा सबके हाथ-पैर धोने के लिए बाल्टी में पानी, मग और साबुन रखवा देते हैं। वह लोगों के लिए अपने पास सेनिटाइजर और मास्क भी रखते हैं। आज जब मैं पहुँचा तो चतुरी चाचा अकेले बैठे अख़बार पढ़ रहे थे।
वह…. बड़ी गमगीन मुद्रा में बोले- रिपोर्टर, यह कभी नहीं सोचा था कि एक ऐसी महामारी आएगी, जिसमें पूरी धरती हिल जाएगी। करोड़ों लोग अपने घरों में कैद होकर रह जाएंगे। हमने हैजा, प्लेग, चेचक, कई तरह के फ्लू देखे हैं। पर, कोरोना जैसा खतरनाक कुछ भी नहीं था। पूरी दुनिया में हजारों लोग रोज बेमौत मर रहे हैं। सारा कामकाज ठप है।
चतुरी चाचा कोरोना जैसी वैश्विक महामारी पर अपनी चिंता जाहिर कर रहे थे। तभी पच्छे टोला से मुंशीजी और कासिम चचा आ गए। दोनों साबुन से हाथ-पैर धोकर कुर्सी पर बैठ गए।
हमने…. प्रपंच को आगे बढाते हुए कहा- कोरोना महामारी ने मानव के मध्य बैठे दानव को बेपर्दा कर दिया है। इंसानियत के दुश्मनों के चेहरे से नकाब हट गया है। भारत व पाकिस्तान सहित अन्य कुछ देशों में तब्लीगी जमातियों ने कोरोना का संक्रमण फैलाकर सरकार और समाज के सामने बड़ी मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। इस माहमारी में स्वास्थ्य, पुलिस व सफाई कर्मचारी किसी देवदूत से कम नहीं है। वहीं, महानगर से लेकर मजरे तक देवतुल्य समाजसेवी लोगों की सेवा में जुटे हैं।
चतुरी चाचा ने बताया कि कल उनके घर एक नेताजी आए थे। नेताजी का कहना था-ये तब्लीगी जमाती इस्लाम के भी दुश्मन हैं। इनको इस्लाम का ज्ञान ही नहीं है। इन जमातियों ने जन्नत जाने चक्कर में कोरोना फैलाया है। अब हूरों की प्रत्याशा में इलाज के दौरान डॉक्टरों से दुर्व्यवहार कर रहे हैं। वे मेडिकल स्टॉफ और पुलिस पर थूक रहे हैं। जमाती अस्पताल के वार्ड में नंगे हो रहे हैं। वहीं पर पेशाब और पैखाना कर रहे हैं। भोजन में नॉनवेज ही नहीं, बल्कि सिगरेट-तम्बाकू मांग रहे हैं। कुछ जमाती अस्पतालों से भाग भी गए हैं। इनके कारनामों से कोरोना अधिक लोगों में फैलेगा। इन सबके इरादे नेक नहीं लग रहे हैं।
तभी चंदू बिटिया ट्रे में गुनगुना नींबू पानी और गिलोय का काढ़ा लेकर आ गयी। पानी पीने के बाद सबने काढ़ा उठाया। गुरच-काढ़े के साथ चर्चा आगे बढ़ी। मुंशीजी बोले- जमातियों के गड़बड़ करने के बाद भी मोदी जी ने पूरे देश को बड़े अच्छे ढंग से सम्भाल रखा है। प्रधानमंत्री के आवाहन पर पूरा देश एकजुट होकर कोरोना से आरपार की जंग लड़ रहा है। भारतीयों का आत्मबल एवं आत्मविश्वास कोरोना को बहुत जल्द भारत भूमि से खदेड़ा देगा। अबतक दुनिया में करीब 17 लाख लोग कोरोना से पीड़ित हो चुके हैं। एक लाख से ज्यादा लोग काल कलवित हो चुके हैं। वहीं भारत में इस समय साढ़े सात हजार लोग कोरोना से पीड़ित हैं। करीब ढाई सौ लोग मौत के मुंह में समा चुके हैं।
कासिम चचा बोले- सुना है कि इस समय अमेरिका और स्पेन में कोरोना ने तबाही मचा रखी है। रोज हजारों लोग मर रहे हैं। इटली, जर्मनी व फ्रांस में भी बहुत मौतें हो रही हैं। वहीं, कोरोना के जनक चीन ने अपने वहां नियंत्रित कर लिया है। भारत दुनिया के दादा अमेरिका सहित अन्य देशों को कोरोना से लड़ने की हिम्मत-जुगत के साथ कोलोरोक्वीन दवा भी दे रहा है। पूरी दुनिया भारत की तरफ देख रही है। बस, हम सब लोग सड़क पर न निकलें। सरकार के सभी निर्देश मानते रहें। कोरोना की जंग भारत ही जीतेगा।
इसी दौरान ककुवा और बड़के दद्दा की जोड़ी पुरबय टोला से आ गई। दोनों जन हाथ सेनिटाइज करके कुर्सियों पर विराज गए। चतुरी चाचा ने पूछा- तुम दोनों बड़ी देर में आए। आज कहाँ रह गए थे? बड़के दद्दा बोले- कल शाम को चमरही गया था। आज भोर में भी वहीं गए थे। कोई मजदूर गेंहू काटने को तैयार नहीं है। सब कह रहे कि 14 अप्रैल को लॉक डाउन खत्म होने के बाद ही घर से निकलेंगे। वहीं, सुनने में यह भी आ रहा है कि अभी देश में लॉक डाउन और बढ़ेगा। उड़ीसा, पंजाब व राजस्थान की राज्य सरकारों ने 30 अप्रैल तक लॉक डाउन बढ़ा दिया है। कुछ समझ नहीं आ रहा कि क्या करें? आखिर रबी फसल की कैसे कटाई-मड़ाई होगी?
इसी विषय पर ककुवा बोले- हमरे मंझिलके पुरवा अउ टिकरहार तक दौरि आय। कहूँ लेबर नाय मिले। अरे! कौनिव तना ख्यात से अनाज घरय आए जात। ई ससुरे कोरोना केरे चक्कर मा सारा काम धाम बन्द परा हय। किसान-मजदूर, गरीब-गुरबा सबय हायल-कायल हयँ। यूह तौ कहव मोदीजी अउ योगीजी सरकारी खजाने केर मुंह खोलि दिहिन हय। दुनव सरकारें जरूरतमंदन की मदद मा जुटी हयँ। मुदा ई सरकारी मदद ते कामु न चलि पाई। रबी फसल केरी कटाई-मड़ाई समय से होय का चाही। आजु सबेरे टीवी मा दयाखा कि कोरोना फैलावय वाले तमाम तब्लीगी जमाती अबहिंयु लुकान हयँ। याक लँग देश केरे भीतर जमाती कोरोना फैलाय रहे। दूसरी लँग सीमप पाकिस्तानी हमला कय रहे। इहके पहिले सीएए अउ एनआरसी केरे नामप देश मा आगि लगाय रहयं। आखिर ई लोग चाहत का हयँ?
इस बात पर कासिम मास्टर बोले- ककुवा, आप सब कुछ एक में न मिलाओ। आप कोरोना की बात करते-करते सीएए एनआरसी पर चले गए। हाँ, यह बात सही है कि कोरोना संक्रमण के फैलाव में तब्लीगी जमातियों का बहुत बड़ा हाथ है। इनकी नित्य नई हरकतों से मुस्लिम कौम शर्मिंदा है। मरकज के सभी जिम्मेदार व्यक्तियों की गिरफ्तारी होनी चाहिए। इसके अलावा अभी जो जमाती छिपे हैं, उन्हें तत्काल बाहर निकाला जाना चाहिए। इसी के साथ आज का प्रपंच समाप्त हो गया। मैं अगले रविवार फिर चतुरी चाचा के प्रपंच चबूतरे पर होने वाली बतकही के साथ हाजिर रहूँगा। तब तक के लिए पँचव राम-राम!