लखनऊ। नए मोटर व्हेकिल एक्ट में भारी भरकम जुर्माना लगाना सरकार की जनविरोधी नीति का उदाहरण है। प्रदेश में बदहाल कानून व्यवस्था और टूटी- फूटी सड़के मार्ग दुर्घटनाओं का एकमात्र कारण होने के बाद भी उसका ठीकरा वाहन चालकों पर फोड़ना सरकार का मानसिक दिवालियापन है तथा केंद्र सरकार के नए मोटर व्हेकिल एक्ट में भारी जुर्माने की व्यवस्था से भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा। यह आरोप राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने लगाते हुए कहा कि गुजरात सरकार ने जनता के आक्रोश को भांपते हुए जिस तरह जुर्माने में 90 प्रतिशत की कटौती की है मध्य प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल की सरकारों ने नये एक्ट को मूलरूप से लागू करने से इनकार कर दिया है। वहीं दिल्ली तथा उत्तराखण्ड सरकारों ने भी जुमार्ना को घटाने की घोषणा की है।
जयंत चौधरी ने आरोप लगाते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को भी भारी भरकम जुर्माने में 90 प्रतिशत की कटौती तत्काल करनी चाहिये,जिससे वाहन चालकों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ न पडें। केंद्र व भाजपा शासित राज्य सरकारों की गलत नीतियों के कारण सरकारी खजाने खाली हो रहे। बैंको की स्थित दिवालिया होने तक पहुंच रही है। सरकार खाली खजाना भरने के लिये एक समय की रोटी की व्यवस्था में असफल आम आदमी पर भारी भरकम जुर्माना लगाकर उसे भरना चाहती है।
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने कहा मार्ग दुर्घटनाओं में प्रतिवर्ष औसत 15 लाख लोग काल कवलित होते है जिसमे लगभग 12 लाख मानव खराब गड्ढे़दार सड़को के कारण कालकवलित होते है। सरकार अपनी खामियों को छिपाने के लिये मार्ग दुर्घटनाओ का दोष वाहन चालकों पर थोपने का प्रयास निंदनीय है। अगर उत्तर प्रदेश सरकार ने अन्य राज्य सरकार की भांति जुर्माने में कटौती नहीं की तो राष्ट्रीय लोकदल इसके विरुद्ध आंदोलन के लिये रणनीति तैयार कर कार्यकर्ताओ को निर्देश देंगा।