कश्मीर में बीडीसी (BDC) चुनाव से अच्छा एक दिन पहले यह घटना सामने आई है। बता दें 5 अगस्त को जम्मू और कश्मीर (Jammu Kashmir) से अनुच्छेद 370 (Article 370) के अधिकांश प्रावधानों को हटा दिया गया था। इसके साथ ही जम्मू और कश्मीर व लद्दाख को दो केन्द्र शासित प्रदेशों में बांट दिया गया था। पंचायती राज व्यवस्था के दूसरे चरण के चुनाव की प्रक्रिया 5 नवंबर तक पूरी हो जाएगी।
26 हजार से ज्यादा उम्मीदवार मैंदान में
जम्मू व कश्मीर के मुख्य निर्वाचन ऑफिसर शैलेंद्र कुमार ने बोला था कि 26,629 पंच व सरपंच बीडीसी अध्यक्ष पद के लिए मतदान व चुनाव लड़ने के योग्य हैं। इनमें से 8,313 महिलाएं व 18,316 पुरुष हैं। चुनाव बैलेट बॉक्स के माध्यम से होंगे, जो पहले ही संबंधित मुख्यालयों में भेज दिए गए हैं। पंच व सरपंचों के पदों में से करीब 24 प्रतिशत (12,766) कई कारणों से खाली हैं।
कांग्रेस ने चुनाव का किया विरोध
कांग्रेस ने अपने नेताओं की नजरबंदी व प्रदेश प्रशासन के उदासीन रवैये के कारण चुनावों का बहिष्कार करने का निर्णय किया है। कांग्रेस पार्टी प्रदेश अध्यक्ष अधीन अहमद मीर ने बोला कि पूर्ववर्ती प्रदेश पर कोई भी फैसला लेने से पहले हितधारकों पर ध्यान नहीं दिया गया था। कांग्रेस पार्टी लोकतांत्रिक संस्थानों को मजबूत करने में विश्वास करती है व यह कभी भी किसी भी चुनाव से दूर नहीं हुआ है। लेकिन आज, हम प्रदेश प्रशासन के उदासीन रवैये व प्रदेश में प्रमुख पार्टी (कांग्रेस) के निरंतर नजरबंदी के कारण बीडीसी चुनावों का बहिष्कार करने के लिए विवश हैं।
कब होगी बीडीसी चुनाव
बता दें जम्मू और कश्मीर में 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 को समाप्त किए जाने के बाद से कई नेताओं को नजरबंद कर दिया गया था। घाटी में 24 अक्टूबर को बीडीसी के चुनाव होने वाले हैं। सरपंच अपने इलाके के BDC को चुनते हैं। इससे पहले पीडीपी व नेशनल कॉन्फ्रेंस भी चुनाव का बहिष्कार कर चुके हैं। चुनाव में अब बीजेपी-पैंथर्स व निर्दलीय ही बचे हैं।