सिंगापुर में फलस्तीन का समर्थन करने के मामले में एक भारतीय समेत तीन सिंगापुरी महिलाओं पर अदालत में आरोप लगाया गया है। दरअसल, फलस्तीन के समर्थन में 70 लोगों का जुलूस एक ज्ञापन पहुंचाने राष्ट्रपति पैलेस पहुंचा था। आरोप लगाए गए महिलाओं की पहचान 35 वर्षीय अन्नामलाई कोकिला पार्वती, 29 वर्षीय सिती अमीराह मोहम्मद असरोरी और 25 वर्षीय मोसम्मद सोबिकुन नाहर के तौर पर की गई है। इन सभी पर बिना परमिट दो फरवरी को जुलूस निकालने के लिए लोक व्यवस्था अधिनियम के तहत आरोप लगाए गए हैं।
अन्नामलाई एक जानी मानी कार्यकर्ता है। उनपर सिती अमीराह मोहम्मद असरोरी, मोसम्मद सोबिकुन नाहर और अन्य को अपने काम में शामिल करके अपराध को बढ़ावा दिलाने का आरोप लगाया गया है। अदालत में तीनों आरोपियों का प्रतिनिधित्व एक वकील ने किया। वकील ने बताया कि जुलाई में अन्नामलाई को अपने परिवार से मिलने के लिए वह एक आवेदन देंगे। तीनों को पांच हजार सिंगापुर डॉलर की जमानत की पेशकश की गई।
अन्नामलाई और मोसम्मद के मामलों की सुनवाई आठ अगस्त को और सिती अमीराह के मामले की सुनवाई 25 जुलाई को होगी। पुलिस ने बताया कि अन्नामलाई को बिना परमिट जुलूस निकालने के लिए 2017 और 2021 में भी चेतावनी दी गई थी।
बता दें कि दो फरवरी को दोपहर के करीब दो बजे 70 लोग एक शॉपिंग मॉल के बाहर ऑर्कर्ड रोड पर जमा हुए ओर इस्ताना की तरफ चल दिए। वे इस्राइल हमाज के बीच जारी संघर्ष में फलस्तीन का समर्थन कर रहे थे। बताया गया कि आरोप सिद्ध होने पर प्रत्येक को छह महीने से अदिक जेल की सजा नहीं होगी। इसके साथ आरोपियों पर 10,000 सिंगापुर डॉलर का जुर्माना भी लगाया जाएगा।