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शिक्षा के मंदिर तक पहुंचने के लिए बच्चों को पार करना पड़ेगा कीचड़ भरा रास्ता, शाहपुर गांव में विद्यालय जाने का बहुत ही खराब

बिधूना। राज्य सरकार भले ही शिक्षा के विकास और सुविधाओं के नाम पर करोड़ो रुपये खर्च करने के दावे करती हो लेकिन स्कूलों तक पहुंचने में बच्चों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कहीं स्कूलों में पहुंचने के लिए बच्चों को कीचड़ से होकर गुजरना पड़ता है तो कहीं सड़कों पर भरे हुए पानी से निकलना पड़ता है। इसके बाद भी प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है।

बिधूना क्षेत्र के शाहपुर गांव में मुख्य सड़क से प्राथमिक विद्यालय को जाने वाले रास्ते का बुरा हाल है, इससे स्कूली बच्चों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता है, विद्यालय में कुल 48 बच्चे पंजीकृत है, जिन्हें बारिश के दिनों में हर रोज कीचड़ भरे रास्तों से गुजरना पड़ता है, ज्यादा बारिश होने पर तो रास्ता इतना ज्यादा खराब हो जाता कि बच्चों और शिक्षकों निकलना मुश्किल हो जाता है। कभी कभी तो वो गिर कर पूरी तरह सन जाते हैं तथा ड्रेस और पाठ्यसामग्री भी गन्दी हो जाती है।

 

विद्यालय के प्रधानाध्यापक राजीव कुमार ने बताया लगभग 15 सालों से ये रास्ता ऐसा ही है जब गड्ढे ज्यादा हो जाते हैं तो मिट्टी डलवा दी जाती है। सहायक अध्यापक अनुरुद्ध पांडेय का कहना है कि बच्चों को विद्यालय आने में बहुत परेशानी होती है। वही अगर बारिश ज्यादा हो जाए तो निकलना ही मुश्किल हो जाता है।

अभिभावक संतराम, भगवान सिंह, आशाराम, अमित कुमार, राजेश कुमार, सुरेश कुमार व हिरदेश कुमार का कहना है कि 2005 में इस विद्यालय का निर्माण हुआ था, तब से ये रास्ता कच्चा ही है। उन्होंने मार्ग निर्माण के लिए कई बार मांग की, आश्वाशन भी दिये गए, मगर समस्या का हल न हो सका। जिसका खामियाजा आज भी स्कूली बच्चों को भुगतना पड़ रहा है‌। छात्रों का कहना है कि पढ़ाई करनी है तो स्कूल तो जाना ही पड़ेगा फिर रास्ता कैसा भी हो।

रिपोर्ट – संदीप राठौर चुनमुन

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