• देश के ताने-बाने, शांति सद्भाव, सहिष्णुता और लोकतांत्रिक व्यवस्था को बचाने के लिए प्रदेश के गांधीवादियों, आम शहरियों नागर समाज और लोकतंत्र में यकीन रखने वालो ने निकाला “महात्मा गांधी संदेश यात्रा
• देश की आयरन लेडी की जयंती पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और बाबा साहेब की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर जुरू हुई यात्रा, काकोरी शहीद स्थल पर होगी विसर्जित
• यह यात्रा आराजनैतिक है और हमारे पुरखो की रवायत को बचाने की मुहिम का हिस्सा है- अमीर हैदर
लखनऊ। महात्मा गांधी के फलसफे में यकीन रखने वाले हजारों कार्यकर्ताओं सहित आम शहरी, सिविल सोसाइटी के नुमाइंदे और अमन पसंद नागरिकों ने आज महात्मा गांधी संदेश यात्रा समन्वय समिति के तत्वाधान में आज उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शांतिपूर्ण तरीके से गांधी के विचारों और गांधी के सपनो का भारत जैसे मुद्दे को आमजन तक ले जाने के लिए “महात्मा गांधी संदेश यात्रा” निकाली। यह यात्रा आज प्रातः 11 बजे से शहर के हज़रत गंज सहित जेपीओ पर महात्मा गांधी और बाबा साहेब अम्बेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर शुरू हुई।
महात्मा गांधी संदेश यात्रा समन्वय कमेटी द्वारा आयोजित इस यात्रा का मूल उद्देश्य देश के गंग ओ जमुनी ताने बाने, शांति, सद्भाव, सहिष्णुता, को मौजूदा लोकतंत्र को बचाये रखने के उद्देश्य के तहत किया जा रहा है। यह #यात्रा हजरतगंज में स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा से शुरू होकर काकोरी शहीद स्थल तक जाएगी। आयोजन कमेटी से जुड़े कांग्रेस नेता आशीष अवस्थी ने कहा कि आज देश का धार्मिक सौहार्द तोड़ा जा रहा है, उच्चतर लोकतांत्रिक मूल्यों को संस्थागत तरीको से खत्म किया जा रहा है। अपने से इतर सोच रखने वालों की सार्वजनिक लिंचिंग हो रही है। मौजूदा सरकार भारत के मूल चरित्र को रौंदने का काम कर रही है। उन्होंने बताया कि मौजूदा राजनैतिक परिदृश्य में इस तरह की पहलकदमी देश के लोकतंत्र और ताने बाने को बचाये रखने के लिए बेहद ज़रूरी है।
हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा और बाबा साहेब की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर यात्रा की विधिवत शुरुआत करते हुए वयोवृद्ध गांधीवादी विचारक चचा अमीर हैदर ने उपस्थित मीडिया बन्दुओं यात्रीगणों से कहा कि महात्मा गांधी संदेश यात्रा आज के समय की मांग है। आज हमारा देश जिसको हमारे पुरखो ने खून पसीने से सींचा था और आज़ादी के संघर्ष में बलिदान दिया था, आज उनके सपने का भारत रिस रहा है। उन्होंने आगे कहा कि आज 19 तारीख है और भारत रत्न, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जयंती भी है जिन्होंने देश की एकता और सद्भाव के लिए अपने सीने में 36 गोलियां खाई पर इस मुल्क पर आंच न आने दी। इस देश को बचाने बनाने और सबके के एक सुंदर मुल्क बनाने का जो सपना हमारे पुरखो ने देखा था आज उसी सपने के भारत को बचाये रखने की जरूरत है। यह यात्रा पूरी तरह से अराजनैतिक है हमारे पुरखो की रवायत को बचाये रखने की मुहिम का हिस्सा है।
वरिष्ठ #कांग्रेसी नेता व मनरेगा मजदूरों के बीच काम कर रहे गांधीवादी विचारक संजय दीक्षित ने कहा कि भारत देश गांधी, बुध और बाबा साहेब को मानने वाला रहा है। तीनो हमेशा प्रासंगिक रहेंगे भले ही कोई भी सत्ता आये। यात्रा पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि यह यात्रा अमन का पैगाम लेकर निकली है और सूबे के हर जनपद क्षेत्र और ब्लॉक लेवल पर भी निकलेगी। इस का ब्लू प्रिंट कमेटी ने तैयार कर लिया है। उन्होंने कहा कि संदेश यात्रा देश और प्रदेश में अमन, सद्भाव, शांतिपूर्ण सहअस्तित्व और समावेशी समाज को मजबूत करने के लिए निकाली जा रही है।
उन्होंने आगे कहा कि आज हमारा देश एक बुरे दौर से गुज़र रहा है। हमारा लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक न्याय की अवधारणा को तोड़ा मरोड़ा जा रहा है। संवैधानिक प्रतिष्ठानों में घुसपैठ कर के उनको कमजोर किया जा रहा है। शैक्षणिक संस्थान में एक रंगी विचारधारा थोपी जा रही है। तर्क, बुद्धि और साइंटिफिक टेम्परामेंट के बजाए आने वाली नस्लो को कूप मंडूक और उनकी रैशनलिटी को कुंद किया जा रहा है। हमारा संविधान, लिबरल ढांचा, लोकतंत्र, बंधुत्व धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक न्याय इस मुल्क के दस्तखत है। इसको कभी कम कमजोर नही होने देंगे। यह देश हमेशा प्रेम और सद्भाव से चला है और प्रवत्ति से मध्यमार्गी रहा है। कार्यक्रम का संचालन कांग्रेस नेता आशीष अवस्थी ने किया।
महात्मा गांधी संदेश यात्रा में मुख्य रूप से प्रो रमेश दीक्षित, वंदना मिश्रा, लविवि की पूर्व कुलपति मैडम रूपरेखा वर्मा, आनंद वर्धन सिंह, मैग्सेसे अवार्डी संदीप पांडेय, युवा नेता आशीष अवस्थी, डीडी नक़वी, सुनीता झिंगरन, प्रो साबिरा हबीब, रमेश मिश्रा, एमके सिंह, योगेश्वर सिंह, सीपी भारती, मुईद अहमद पूर्व मंत्री, असगर मेहंदी, सतीश कुमार मिश्र, सिराज वली खान पूर्व अध्यक्ष कांग्रेस, रफत फातिमा, कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता ओबैद उल्ला नासिर नदीम भाई, मिराज वली, सुनीता रावत, रेहान खान, एम के सिंह, अब्दुल अज़ीज़, सहर बानो आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।