नई दिल्ली। मतदाता सूची में हेरफेर और डुप्लीकेट मतदाता पहचान पत्र को लेकर उठ रहे सवालों को लेकर चुनाव आयोग (Election Commission) गंभीर है। चुनाव प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए आयोग ने पिछले एक महीने में कई कदम उठाए हैं। आयोग ने गुरुवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में नए मुख्य चुनाव आयुक्त (Chief Election Commissioner) ज्ञानेश कुमार (Gyanesh Kumar) के नेतृत्व में लिए गए अहम फैसलों की जानकारी दी।
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आयोग ने कहा कि पिछले एक महीने में कई कदम उठाए हैं। लगभग एक करोड़ चुनाव अधिकारियों की निरंतर क्षमता वृद्धि के लिए डिजिटल प्रशिक्षण की योजना बनाई गई है। ईआरओ, डीईओ और सीईओ स्तर पर चुनाव अधिकारियों के साथ लगभग 5000 सर्वदलीय बैठकों के माध्यम से राजनीतिक दलों की भागीदारी बढ़ाने, आपत्तियों और अपीलों में सुधार और मतदाता सूची में नाम शामिल करने की प्रक्रिया पर जोर दिया गया है। इसके बाद अब तक केवल 89 प्रथम अपील और केवल 1 द्वितीय अपील दायर की गई है।
आयोग ने कहा कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार के पदभार ग्रहण करने के एक महीने से भी कम समय में निर्वाचन आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी के साथ चुनाव आयोग ने सभी मतदाताओं की भागीदारी को बढ़ावा देने और उन्हें मतदान केंद्रों तक लाने के लिए बीएलओ स्तर तक पूरे निर्वाचन तंत्र को सही रास्ते पर ला दिया है। राजनीतिक दलों को प्रमुख हितधारकों के रूप में जमीनी स्तर पर शामिल किया जा रहा है।
आयोग की ओर से कहा गया कि आधार और मतदाता पहचान पत्र को लिंक करने के लिए यूआईडीएआई और ईसीआई के विशेषज्ञों के बीच तकनीकी परामर्श जल्द ही शुरू होने वाले हैं। आयोग ने देश भर में ईपीआईसी नंबरों में डुप्लीकेट को हटाने और 3 महीने के भीतर दशकों पुराने मुद्दे को समाप्त करने का संकल्प लिया है। इसके अलावा जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिकारियों के समन्वय से मतदाता सूची को नियमित अपडेट किया जाएगा।