अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की दो दिवसीय भारत यात्रा से पहले मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए भारतीय नौसेना के लिए 24 एमएच 60 रोमियो हेलीकॉप्टर खरीदने की अनुमति दे दी है। इससे न केवल भारतीय नौसेना की ताकत में इजाफा होगा बल्कि भारत-अमेरिका रक्षा संबंधों को भी नया आयाम मिलेगा।
भारत को 2.5 अरब डॉलर करने होंगे खर्च
बता दें कि भारतीय नौसेना इस तरह के मल्टीरोल हेलीकॉप्टर की मांग बहुत पहले से कर रही थी। लगभग तीन साल तक चली प्रक्रिया के बाद रक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी ने 2.5 अरब डॉलर मूल्य के इस सौदे को अपनी मंजूरी दी है।
भारत को पिछले एक दशक से ज्यादा समय से इन हेलीकॉप्टरों की जरूरत थी। एक रिपोर्ट के अनुसार भारतीय नौसेना के लिए 24 हेलीकॉप्टर की तुरंत आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए भारत ने अमेरिका से अनुरोध भी किया था। चूंकि भारत नाटो का सदस्य नहीं है इसलिए इस हेलीकॉप्टर को भारत को बेचने के लिए अमेरिका को भी विशेष मंजूरी की जरूरत थी।
कैसा है ‘रोमियो’ हेलीकॉप्टर?
लॉकहीड मार्टिन द्वारा निर्मित एमएच-60 रोमियो सी हॉक हेलीकॉप्टर पनडुब्बियों और पोतों पर अचूक निशाना साधने में सक्षम हैं। यह हेलीकॉप्टर समुद्र में तलाश एवं बचाव कार्यों में भी उपयोगी हैं।
युद्धपोतों का काल है एमएच 60 रोमियो
एमएच 60 रोमियो हेलीकॉप्टर दुश्मन के जंगी जहाजों को ट्रैक कर उनके हमलों को रोकने के लिए परिष्कृत लड़ाकू प्रणालियों- सेंसर, मिसाइल और टॉरपीडो से लैस हैं।
पनडुब्बियों को पल भर में कर सकता है तबाह
रोमियो हेलीकॉप्टर अमेरिकी नौसेना में एंटी-सबमरीन और एंटी-सरफेस वेपन के रूप में तैनात हैं। ये हेलीकॉप्टर भारतीय रक्षा बलों को सतह रोधी और पनडुब्बी रोधी युद्ध मिशन को सफलता से अंजाम देने में सक्षम बनाएंगे।
रात के घने अंधेरे में भी उड़ान भरने में सक्षम
एमएच 60 हेलीकॉप्टर में दोहरा नियंत्रण प्रणाली मौजूद है। इसे उड़ाने के लिए दो पायलटों की जरूरत होती है। इसके कॉकपिट में बैठे पायलट रात के घने अंधेरे में भी अपने लक्ष्य को बखूबी देख सकते हैं।