अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों में 0.50 फीसदी की कटौती का भारत में विदेशी निवेश पर कोई महत्वपूर्ण असर नहीं पड़ेगा। आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने बृहस्पतिवार को कहा, फेडरल रिजर्व ने दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा फैसला किया है।
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लेकिन, आरबीआई भारतीय अर्थव्यवस्था को ध्यान में रखकर कटौती का फैसला करेगा। सेठ ने कहा, अमेरिकी केंद्रीय बैंक का फैसला भारत सहित वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक है। हमें देखना होगा कि अमेरिकी ब्याज दरों का स्तर कहां है? अन्य बाजार कैसा व्यवहार करते हैं। फेडरल रिजर्व ने बुधवार देर रात चार साल बाद ब्याज दरों में 0.50 फीसदी की कटौती की थी।
उचित समय पर निर्णय लेगी मौद्रिक नीति समिति
सेठ ने कहा, भारत में ब्याज दर में कटौती पर फैसला आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) उचित समय पर लेगी। एमपीसी का फैसला इस पर आधारित है कि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए क्या अच्छा है। एमपीसी की तीन दिवसीय बैठक अगले महीने होनी है। फरवरी, 2023 से रेपो दर में बदलाव नहीं हुआ है और यह 6.5 फीसदी पर स्थिर है।
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भारत पर कम होगा असर: सीईए
भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी अनंत नागेश्वरन ने कहा, फेडरल रिजर्व के कदम का असर भारत पर कम होगा, क्योंकि नीतिगत दर पहले से ही बहुत ज्यादा थी। भारतीय शेयर बाजार पहले से ही निवेशकों को आकर्षित कर रहा है। कुल मिलाकर, दर में कटौती उभरते बाजारों के लिए सकारात्मक है।