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500 साल पुराना फूलमती माता का ये मंदिर क्यों है प्रसिद्ध? छूमंतर हो जाती है ये बीमारी

भारत देश में हजारों चमत्कारिक मंदिर हैं। उनमें से कुछ तो ऐसे हैं जिनके रहस्य के बारे में आज तक कोई पता नहीं लगा सका। हालांकि हजारों चमत्कारिक मंदिरों में से एक है फूलमती माता का मंदिर।
इस मंदिर में जाने वालों लोगों की संख्या बहुत अधिक है। यह मंदिर शाहजहांपुर के मोती चौक इलाके में स्थित है।


माता फूलमती मंदिर आस्था का केंद्र बना हुआ है। यहां आने वाले हर भक्त की मनौती अवश्य पूरी होती है। इसलिए लोग शादी विवाह के पूर्व मां को विधिवत आमंत्रण देते हैं। वहां विवाह के बाद वैवाहिक जीवन शुरु करने के पूर्व मां का आर्शीवाद अवश्य लेते हैं। यहां नियमित हवन के अलावा पूरे नवरात्र भर दुर्गा पूजा महोत्सव का भी आयोजन किया जाता है।

500 साल पुराने इस मंदिर में माता की मूर्ति के अलावा अन्य देवी देवताओं की मूर्तियां भी स्थापित हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बताया जाता है कि इस मंदिर में फूलमती माता के चरणों से निकलने वाले जल को अगर आंखों में लगाया जाए तो आंखें स्वस्थ हो जाती हैं यानी नजर दोष दूर हो जाता है। इसी मान्यता के चलते यहां हजारों की संख्या में लोग माता के दर्शन करने के लिए आते हैं।

इस मंदिर का निर्माण के बारे में कहते हैं कि पंडित सुखलाल जी फूलमती माता के परम भक्त थे। माता जी ने प्रसन्न होकर उनको दर्शन दिए। इसके बाद सुखलाल जी ने कन्नौज स्थित फूलमती माता के चरणों के रूप में मंदिर से एक ईंट अपने सिर पर रखकर लेकर आए और यहां स्थापित कर दी। यहां स्थापित माता के चरणों के दर्शन करने अब दूर-दूर से भक्त आते हैं।

बताया कि माता के चरणों से निकलने वाले जल को आंखों की बीमारी से पीड़ित कोई भी मरीज अपनी आंखों पर लगता है तो आंखें पूरी तरह से स्वस्थ हो जाती हैं।

कहते हैं कि यहां पर लगातार नौ पीढ़ी से एक की परिवार के लोग पूजा कर रहे हैं। वर्तमान में महंत विजय गिरी यहां की देखरेख कर रहे हैं।

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