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वर्ल्ड हैंड हाइजीन डे : बीमारी से रखनी है दूरी तो हाथ धोना है जरूरी

• थीम-जीवन को बचाएं, अपने हाथों को साफ रखें 

कानपुर। कोरोना संक्रमण के बाद काफी हद तक हाथ की स्वच्छता बनाये रखना हमारे व्यवहार में आया है। सही तरह से हाथ धुलने से हम दस्त, टाइफाइड, पेट संबंधी रोग, आँख में होने वाले संक्रमण, त्वचा संबंधी रोग आदि से बच सकते हैं। हाथों की स्वच्छता हर समय ही आवश्यक है, परंतु किसी भी संक्रमण के द्रष्टिगत हाथों को साबुन से धोना उसकी रोकथाम का एक महत्वपूर्ण तरीका है।

आज विश्व हैंड हाइजीन डे यानि विश्व हाथों की स्वच्छता दिवस पर सभी को हाथों को साफ रखने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इस वर्ष की थीम भी “एक्सेलेरेट एक्शन टुगेदर-सेव लाइव्स, क्लीन यौर हैंड-एक साथ कार्रवाई में तेजी लाएं-जीवन को बचाएं, अपने हाथों को साफ रखे” रखी गयी है।

नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलोजी इन्फॉर्मेशन (आईसीबीआई) के अनुसार हाथों की स्वच्छता से 31 प्रतिशत गैस की बीमारी और 21 प्रतिशत साँसो से संबन्धित बीमारियों से बचा जा सकता है। वही सेंटर फॉर डिसीज़ एंड प्रेवेंशन के अनुसार साबुन और पानी से हाथ धुलना डायरिया से जुड़ी बीमारियों को 50 प्रतिशत तक कम कर सकता है।

वर्ल्ड हैंड हाइजीन डे

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आलोक रंजन ने बताया बिमारियों के संकट से बचने में सबसे प्रमुख रोल हाथों की स्वच्छता का है। कोरोना से बचने के लिए सामाजिक दूरी के बाद हाथों की स्वच्छता ही अहम उपाय है। इसलिए हाथों की स्वच्छता, निरंतर हाथों की स्वच्छता, और उचित तरीके से हाथों की स्वच्छता से हम संक्रमण नियंत्रण प्रोटोकाल का पालन कर सकते है। उन्होने विश्व हाथों की स्वच्छता दिवस पर सभी जनपद वासियों से अपील की वह हाथों की स्वच्छता को नियमित रूप से अपनाए, जिससे कि हम कोरोना वायरस से अपने आप को बचा पाये।

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एसएनसीयू इंचार्ज और वरिष्ठ बाल रोग विषेशज्ञ डॉ शिव कुमार कुशवाहा का कहना है कि जब आप दिन भर सतहों और वस्तुओं को छूते हैं तो आपके हाथों पर कीटाणु जमा हो जाते हैं। आप इन कीटाणुओं को दूसरों तक फैला सकते हैं या अपनी आंख, नाक या मुंह को छूकर खुद को संक्रमित कर सकते हैं। हालांकि अपने हाथों को रोगाणु मुक्त रखना असंभव है, हाथ धोना विभिन्न बीमारियों के प्रसार से बचाव की पहली पंक्ति है, जिसमें सामान्य सर्दी से लेकर मेनिन्जाइटिस, ब्रोंकियोलाइटिस, फ्लू, हेपेटाइटिस ए और विभिन्न प्रकार के
दस्त जैसे गंभीर संक्रमण शामिल हैं।

क्या कहते हैं आंकड़े-द स्टेट ऑफ हैंड वॉशिंग की 2016 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार भारत में ग्रामीण क्षेत्र में 54 प्रतिशत आबादी शौचालय के बाद साबुन से हाथ धोती है, वही 13 प्रतिशत खाना बनाने से पहले और 27 प्रतिशत बच्चों को खाना खिलाने से पहले साबुन से हाथ धोती है। इसी के साथ शहरी क्षेत्र में 94 प्रतिशत लोग शौचालय के बाद, 74 प्रतिशत खाना बनाने से पहले और 79 प्रतिशत बच्चों को खाना खिलाने से पहले साबुन से हाथ धोते है।

हमेशा हाथ कब-कब धोना चाहिए: खाना बनाने और खाने से पहले अगर आप किसी बीमार व्यक्ति या फिर घायल का इलाज कर रहे हैं।

कॉन्टेक्ट लेन्स पहनते और उतारते वक्त टॉयलेट का इस्तेमाल करने के बाद छींकने, खांसने आदि के बाद हाथों को ज़रूर धोएं

नवजात शिशु को स्तनपान करवाने से पहले हाथों को स्वच्छ बनाने का फॉर्मूला-सुमन के बिमारियों से बचाव के लिए सबसे महत्वपूर्ण सुमन के फॉर्मूला के अनुसार हाथों को बार बार धोना है।

एस- सीधा हाथ
यू- उल्टा हाथ
म- मुट्ठी
ए- अंगूठा
एन- नाखून
के- कलाई

रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर 

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