- Published by- @MrAnshulGaurav
- Tuesday, June 14, 2022
लखनऊ। आजादी के अमृत महोत्सव को समर्पित अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष में प्रधानमंत्री जी के आवाहन पर वसुधैव कुटुंबकम की भावना को मजबूती प्रदान करने के लिए आठवे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की थीम मानवता के लिए योग के आधार पर आज 14 जून को नवयुग कन्या महाविद्यालय राजेंद्र नगर लखनऊ के 19 उत्तर प्रदेश गर्ल्स बटालियन एनसीसी विंग द्वारा अमृत योग सप्ताह का शुभारंभ महाविद्यालय प्रांगण में योगाभ्यास के द्वारा किया गया।
कार्यक्रम संयोजक एन0सी0सी0 अधिकारी मेजर (डॉ.) मनमीत कौर सोढी ने भारत सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा जारी योग क्रम के अनुसार ही ग्रीवा, स्कन्ध चालन क्रियाओं से लेकर बैठ कर, खड़े होकर, पेट के बल लेटकर, पीठ के बल लेटकर योग करने वाले भुजंगासन, मकरासन, भद्रासन, वक्रासन, त्रिकोण आसन, ताड़ासन, वृक्षासन, पवनमुक्तासन, भ्रामरी, कपालभाति, अनुलोम-विलोम, ध्यान आदि का योगाभ्यास करवाया।
योग दर्शन की प्रासंगिकता पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि योग केवल आसन और प्राणायाम तक ही सीमित नहीं है बल्कि यह अष्टांग मार्ग की साधना है I यौगिक क्रियाएं हमें विभिन्न प्रकार के संक्रमण से बचाती हैं तथा सहज, सरल और तनाव मुक्त जीवन की राह दिखाती हैं I इसी कारण से वैश्विक पटल पर योग की स्वीकार्यता बढ़ी है।
यदि हमारा शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है तो उससे हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी प्रभावित होती है, प्राकृतिक दिनचर्या अपनाकर हम अपना सुरक्षा कवच विकसित कर सकते हैं। शारीरिक श्रम भी हमारे शरीर को निरोगी बनाने में सहायक होता है I यदि हमें अपना स्वास्थ्य उत्तम रखना है तो संतुलित आहार लेना चाहिए।
प्राणायाम के द्वारा हम अपने फेफड़ों की क्षमता का भली प्रकार विकास कर सकते हैं, परंतु इसके साथ ही यह भी आवश्यक है कि हम शरीर के फेफड़ों के साथ-साथ पृथ्वी के फेफड़े यानी इकोलॉजिकल बैलेंस को बनाकर रखें जिसके लिए वृक्षारोपण अत्यंत आवश्यक है।
उन्होने योगाभ्यास के दौरान रखने वाली सावधानियों पर भी चर्चा कीI यदि पुराने रोग पीड़ा अथवा हृदय संबंधी समस्याएं हो तो ऐसी स्थिति में हमेशा विशेषज्ञों की सलाह के आधार पर ही कब, कितना और कैसे योगाभ्यास करना है इसकी जानकारी अवश्य होनी चाहिए।
प्राचार्या प्रोफेसर मंजुला उपाध्याय ने योग को नियमित दिनचर्या का हिस्सा बनाने पर जोर दिया। योगाभ्यास में डॉ सीमा सरकार, कैडेट वसुंधरा, सगलगुण, तनु, हरशीन, स्वाति, कीर्ति, वर्षा,शीतल, पल्लवी,अंजलि, निधि, सुप्रिया समेत बड़ी संख्या में एनसीसी कैडेट्स एवं छात्राओं ने भाग लिया। कार्यक्रम का आरंभ संगच्छध्वं संवदध्वं —-इस संकल्प के साथ हुआ तथा समापन -सर्वे भवंतु सुखिनः सर्वे संतु निरामय:– इस प्रार्थना के साथ हुआ।
रिपोर्ट -शिव प्रताप सिंह सेंगर